लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कारागारों में पूरे देश के लगभग 24 फीसदी बंदी निरूद्ध हैं। इसके चलते उत्तर प्रदेश के कारागार कर्मी सम्पूर्ण देश में सबसे महत्वपूर्ण व चुनौतीपूर्ण दायित्व का निर्वदन कर रहे हैं।
इसको देखते हुए कारागार विभाग के समस्त वर्दीधारी कार्मिकों को विगत वर्षों में किये गये बंदी उत्थान, कोविड विभीषिका से बचाव हेतु कुशल प्रबन्धन एवं अन्य प्रशासनिक कार्यों में उत्कृष्ट योगदान के चलते कारागार विभाग का
प्रतीक चिन्ह प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
डीजी जेल आनंद कुमार के अनुसार उत्तर प्रदेश कारागार विभाग के समस्त वर्दीधारी कार्मिक इस प्रतीक चिन्ह को दाहिने सीने पर पॉकिट पर वर्दी में नेम प्लेट के ऊपर धारण करने के लिए अब अधिकृत है। उन्होंने कारागार विभाग के सभी धीनस्थ कार्यालयाध्यक्ष को इस आशय का पत्र भी प्रेषित किया।
उन्होंने कहा कि कारागार विभाग ब्रिटिशकालीन जेलों की शोषक-उत्पीड़क छवि से उबरकर बंदियों के कल्याण व
सुथारात्मक गतिविधियों में अप्रतिम योगदान दे रहा है।
विभाग द्वारा आजादी के 75 गौरवशाली वर्षों के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव व नए साल के अवसर पर कारागार विभाग द्वारा अर्जित की गयी उपलब्धियों के लिए जेल मैनुअल 2022 के पैरा 905 में प्रदत्त अधिकारों का -प्रयोग करते हुए कारागार विभाग के समस्त वर्दीधारी कार्मिकों को प्रतीक चिन्ह पहनने का अधिकार दिया गया है।
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