नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली लवलीना बोरगोहेन और मौजूदा विश्व चैंपियन निकहत जरीन भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) द्वारा भारत में आयोजित होने वाली आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2023 के लिए घोषित टीम में शामिल हैं।
इस चैंपियन का आयोजन 15 से 26 मार्च तक नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में होगा। 2020 के टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) के नाम अब तक विश्व चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक हैं।
चैंपियनशिप के लिए रिकार्ड 20 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि दांव पर
वह आगामी चैंपियनशिप में सात अन्य ओलंपिक पदक विजेताओं के साथ शीर्ष सम्मान के लिए लड़ती दिखाई देंगी।
मौजूदा विश्व चैंपियन निकहत जरीन 50 किग्रा भार वर्ग में अपने खिताब का बचाव करेंगी। वह तुर्की के शहर इस्तांबुल में 2022 में आयोजित आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में विश्व चैंपियन बनीं थीं।
बर्मिंघम में 2022 में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता नीतू घणघस भी 48 किग्रा भार वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। दो बार की यूथ वर्ल्ड चैंपियन अपने नाम एक और बड़ा पदक जोड़ना चाहेंगी।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि यह चैंपियंस का लाइन-अप है और मुझे यकीन है कि वे फिर से देश का गौरव बढ़ाएंगी।
पिछले कुछ वर्षों में, भारत मुक्केबाजी का एक पावर हाउस बन गया है और हम आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के लिए इस प्रतिभाशाली टीम के साथ अपनी स्थिति को और मजबूत करने का इरादा रखते हैं।
दिल्ली में 2018 में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में प्रभावशाली प्रदर्शन के साथ ग्लोबल स्टेज पर खुद के आने की घोषणा करने वाली मनीषा मौन 57 किग्रा भार वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी, जिसमें पदक के लिए सबसे रोमांचक मुकाबले होने हैं। मनीषा ने 2022 वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
ये भी पढ़ें : बेंगलुरु ओपन 2023 : मैक्स पर्सेल ने जीता अपना दूसरा एटीपी चैलेंजर खिताब
2022 में बर्मिंघम में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली जैसमीन लैम्बोरिया विश्व चैंपियनशिप के 2022 संस्करण में क्वार्टर फाइनल में पहुंची थीं। वह इस बार 60 किग्रा भार वर्ग में अपनी चुनौती पेश करेंगी।
युवा मुक्केबाज प्रीति और सनामाचा चानू क्रमश: 54 किग्रा और 70 किग्रा भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। प्रीति ने 2022 एशियाई चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था जबकि सनामाचा 2021 की यूथ वर्ल्ड चैंपियन हैं और हाल ही में अपने भार वर्ग में राष्ट्रीय चैंपियन भी बनी हैं।
मौजूदा एशियाई और राष्ट्रीय चैंपियन स्वीटी बूरा 81 किग्रा भार वर्ग में मुकाबला करते हुए दिखाई देंगी। दक्षिण कोरिया में 2014 में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली यह अनुभवी मुक्केबाज अपने प्रभावशाली फॉर्म को जारी रखते हुए अपने पदकों की झोली को समृद्ध करने का प्रयास करेगी।
इसके अलावा 2019 दक्षिण एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता मंजू बम्बोरिया (66 किग्रा) के साथ-साथ यूथ वर्ल्ड चैंपियंस साक्षी चौधरी (52 किग्रा) और शशि चोपड़ा (63 किग्रा) विश्व चैंपियनशिप में अपनी-अपनी श्रेणियों में अपनी क्षमता साबित करने के लिए उत्सुक होंगी।
81 किग्रा+ हैवीवेट वर्ग में भारत की पदक की उम्मीद मौजूदा राष्ट्रीय चैम्पियन नूपुर श्योराण से होगी। इस चैंपियनशिप में 20 करोड़ रुपये का कुल पुरस्कार पूल होगा। स्वर्ण विजेताओं के लिए 10 करोड़ रुपये का पूल, अपनी कैटेगरी में उपविजेता और कांस्य जीतने वाली मुक्केबाजों के लिए पांच-पांच करोड़ रुपये का पूल होगा।
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) तीसरी बार महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप की मेजबानी करेगा। टूर्नामेंट की शुरुआत के बाद से किसी भी देश ने इससे अधिक बार इसकी मेजबानी नहीं की है।
हर दो साल में होने वाली इस चैंपियनशिप में इस साल अब तक 74 देशों के 350 से अधिक (12 भारतीयों सहित) मुक्केबाजों ने पंजीकरण कराया है।
भारतीय टीम-
नीतू घणघस (48 किग्रा), निकहत जरीन (50 किग्रा), साक्षी चौधरी (52 किग्रा), प्रीति (54 किग्रा), मनीषा मौन (57 किग्रा), जैस्मिन लम्बोरिया (60 किग्रा), शशि चोपड़ा (63 किग्रा), मंजू बम्बोरिया (66 किग्रा), सनामाचा चानू (70 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा), स्वीटी बूरा (81 किग्रा) और नूपुर श्योराण (81+ किग्रा).