लखनऊ: प्रतिष्ठित 33वां राष्ट्रीय परजीवी विज्ञान सम्मेलन (एनसीपी-2025) का आज सीएसआईआर–केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई), लखनऊ में भव्य उद्घाटन हुआ।

यह आयोजन इंडियन सोसाइटी फ़ॉर पैरासिटोलॉजी (आईएसपी) की स्वर्ण जयंती तथा सीएसआईआर-सीडीआरआई के उत्कृष्टता के 75 वर्षों के उपलक्ष्य में आयोजित किया जा रहा है। तीन दिवसीय यह राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन 26 से 28 नवंबर 2025 तक “परजीवी जीवविज्ञान और औषधि खोज में नवीन प्रगति” विषय पर आयोजित किया जा रहा है।
कार्यक्रम की शुरुआत सार-पुस्तक (एब्स्ट्रैक्ट बुक) के विमोचन से हुई, जिसके पश्चात स्वागत भाषण डॉ. राधा रंगराजन, निदेशक, सीएसआईआर-सीडीआरआई एवं एनसीपी-2025 की अध्यक्ष द्वारा दिया गया।
सभा को डॉ. ए.एम. खान, अध्यक्ष, आईएसपी तथा डॉ. सतीश मिश्रा, सचिव, आईएसपी एवं संयोजक, एनसीपी-2025 ने संबोधित किया।

उद्घाटन व्याख्यान, पद्मभूषण, प्रो. एन.के. गांगुली, पूर्व महानिदेशक, आईसीएमआर द्वारा दिया गया, जिसमें परजीवी जनित रोगों के नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला गया।
उन्होने भारत में परजीवी जनित रोगों के निदान हेतु अनुसंधान में भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान की भी चर्चा की। विशेष आमंत्रित व्याख्यान डॉ. भूपेंद्र त्रिपाठी, गेट्स फ़ाउंडेशन, नई दिल्ली द्वारा वैश्विक स्वास्थ्य रणनीतियों पर प्रस्तुत किया गया।
इस सम्मेलन में देशभर से अग्रणी वैज्ञानिक, चिकित्सक, पशुचिकित्सक, शिक्षाविद, उद्योग जगत के प्रतिनिधि तथा युवा शोधकर्ता सहभागिता कर रहे हैं। सम्मेलन के दौरान औषधि खोज, परजीवी जीवविज्ञान, प्रतिरक्षा विज्ञान, निदान, वेक्टर नियंत्रण तथा उभरती तकनीकों जैसे विषयों पर गहन वैज्ञानिक विमर्श हो रहा है।
प्रमुख व्याख्यान एवं वैज्ञानिक सत्र
• प्लेनरी व्याख्यान: डॉ. जेरेमी बरोज़ (मेडिसिन्स फ़ॉर मलेरिया वेंचर, जेनेवा) — अगली पीढ़ी की मलेरिया-रोधी औषधियों की खोज पर
• प्लेनरी व्याख्यान: डॉ. अनुप अन्विकार (आईसीएमआर–एनआईएमआर, नई दिल्ली) — भारत में मलेरिया उन्मूलन रणनीतियों पर
• आईआईटी, आईसीएमआर संस्थानों, आईआईएसईआर, एम्स, जेएनयू, सीसीएमबी एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के आमंत्रित व्याख्यान
• उभरती शोध प्रतिभा को प्रदर्शित करने वाले यंग साइंटिस्ट फ्लैश टॉक्स एवं पुरस्कार व्याख्यान
• परजीवी विज्ञान में उभरती तकनीकों पर पैनल व्याख्यान श्रृंखला
एनसीपी-2025 की प्रमुख विशेषताएं
• राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्लेनरी एवं आमंत्रित व्याख्यान
• यंग साइंटिस्ट फ्लैश टॉक्स एवं पोस्टर सत्र
• प्रतिष्ठित ओरेशन पुरस्कार एवं यंग साइंटिस्ट पुरस्कार
• उद्योग–अकादमिक तकनीकी-व्यावसायिक प्रस्तुतियाँ
• परजीवी रोगों से निपटने हेतु नई तकनीकों पर पैनल चर्चा
• सांस्कृतिक संध्या — अभिषेक बोरकर एवं यशवंत वैष्णव द्वारा प्रस्तुति
• आईसीएमआर, आईआईटी, आईआईएसईआर, एम्स, जेएनयू, सीसीएमबी सहित प्रमुख संस्थानों एवं वैश्विक शोध संगठनों की सहभागिता
आयोजकों ने बताया कि एनसीपी-2025 राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सुदृढ़ करने, अनुप्रयुक्त अनुसंधान को गति देने तथा नवाचार और वैज्ञानिक उत्कृष्टता के माध्यम से भारत की परजीवी एवं उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों के उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।













