अहमदाबाद: भारत का प्रतिनिधित्व करना वाला पहला गुजराती फुटबॉलर बनने के लगभग 30 साल बाद सीवी ससी यहां 36वें राष्ट्रीय खेलों में अपने पूर्व राज्य को देखने और प्रेरित करने के लिए केरल से अहमदाबाद तक का सफर तय करेंगे।
भावनाओं में बहे इस डिफेंडर ने भरी अवाज में कहा, “मेरा सबकुछ गुजरात का ऋणी है।” पूर्व भारतीय फुटबॉलर ने उन दो टीमों का उल्लेख नहीं किया, जिनके बीच फाइनल मैच होते हुए वह देखना चाहेंगे। उन्होंने कहा, “मैं वहां राष्ट्रीय खेलों में रहूंगा और मैं फुटबॉल फाइनल देखने की उम्मीद कर रहा हूं।”
अपनी टीम का हौसला बढ़ाने आएंगे अहमदाबाद
नब्बे के दशक के मध्य केरला पुलिस में शामिल हुए ससी भले ही यहां से 2,000 किलोमीटर दूर रह रहे हो, लेकिन उनका दिल गुजरात के लिए धड़कता है। पूर्व स्टॉपर ने कहा, “वहां रहने के दौरान मैंने कई दोस्त बनाए थे और मैं उनमें से कुछ के साथ फिर से जुड़ने की उम्मीद कर रहा हूं।”
56 वर्ष के हो चुके ससी 80 के दशक के मध्य में अपने चचेरे भाई के निमंत्रण पर आईआईएम-ए फुटबॉल टीम के लिए ‘अतिथि खिलाड़ी’ के रूप में खेलने के लिए गुजरात चले गए थे। वह याद करते हैं कि कैसे उन्होंने अपने फुटवर्क के लिए अर्जित किए गए वजीफे को पूरा करने के लिए संघर्ष किया था।
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सीवी ससी का तब भाग्य पलटा, जब आईआईएम अहमदाबाद लीग चैम्पियन बना। यह एक ऐसा परिणाम था, जिसके कारण उन्हें संतोष ट्रॉफी के लिए राज्य की टीम के लिए शिविर में आमंत्रित किया गया। वह चार बार नेशनल चैम्पियनशिप खेले, आखिरी टूर्नामेंट में उन्होंने कप्तानी भी की।
ससी इस बात से खुश हैं कि गुजरात में पहली बार राष्ट्रीय खेल आयोजित हो रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि इससे राज्य में खेलों को व्यापक बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने भविष्यवाणी की, “यह प्रतियोगिता गुजरात फुटबॉल और अन्य खेलों के लिए भी चमत्कार साबित होगी। मुझे उम्मीद है कि राज्य कई खेलों में बड़ी प्रगति करेगा।”
ससी के फुटबॉल करियर में सबसे महत्वपूर्ण क्षण तब आया, जब उन्हें 1993 में बेरूत और सियोल में फीफा विश्व कप क्वालीफायर के लिए भारत की टीम में चुना गया। भारत को जिस पूल में रखा गया था, उसमें लेबनान, हांगकांग, साउथ कोरिया और बहरीन शामिल थे।
चेक कोच जिरी पेसेक द्वारा प्रशिक्षित और मजबूत डिफेंडर दिवंगत वीपी सत्यन की कप्तानी वाली उस भारतीय टीम में आईएम विजयन, सीवी पप्पचन, ब्रूनो कॉटिन्हो, तेजिंदर कुमार और अकील अंसारी जैसे दिग्गज शामिल थे। भारत ग्रुप दौर से आगे तो नहीं बढ़ पाया लेकिन उसने एशियाई क्षेत्र में फेयर प्ले ट्रॉफी जीती थी।
ससी लाहौर में 1993 के पहले साउथ एशियन एसोसिएशन फॉर रीजनल को-ऑपरेशन (सार्क) गोल्ड कप के लिए ‘ब्लू टाइगर्स’ के साथ पाकिस्तान गए और ट्रॉफी के साथ लौटे। कुल मिलाकर, ससी ने 10 बार राष्ट्रीय जर्सी पहनी, जिसमें विश्व कप क्वालीफायर में छह और सार्क टूर्नामेंट में चार मैच शामिल हैं।
गुजरात के पहले अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉलर के लिए यह शानदार घर वापसी होगी। यह राज्य के प्रति अपना आभार दिखाने का उनका तरीका भी है जिसने उन्हें मेगा स्टार तो नहीं, लेकिन राष्ट्रीय खिलाड़ी बनाया।