लखनऊ। अंतरराष्ट्रीय डांस डे पर शुक्रवार को गोमती नगर विनय खंड स्थित भारतीयम् आर्ट गैलरी में रत्ना अस्थाना के निर्देशन में “मां बेटी” की फिल्मोनिया प्रस्तुति के साथ मना “वर्ल्ड डांस डे”। इस अवसर पर नृत्य के नियमित अभ्यास से तन और मन को तंदरुस्त रखने का आवाह्नन भी किया गया।
मां बेटी की “फिल्मोनिया” प्रस्तुति के साथ मना “वर्ल्ड डांस डे”
इस “फिल्मोनिया” की खास बात यह भी रही कि इसमें 4 साल की बच्ची से लेकर 55 साल की दादी-नानी तक ने अपने नृत्य कर तन-मन की तंदरुस्ती का अहसास करवाया। इसमें आराध्या सिंह ने अपनी बेटी प्रियंका के साथ बादशाह एलबम के लोकप्रिय गाने “पानी-पानी” पर सुंदर नृत्य किया।
नृत्य से तन-मन को तंदरुस्त रखने के लिए किया गया आवाह्नन
इस क्रम में दादी आशा अवस्थी ने ओल्ड मैलोडीज के तहत “उड़े जब-जब जुल्फे तेरी” और नानी पूनम मिश्रा ने “कोई शहरी बाबू” पर अपने नृत्य कौशल का प्रदर्शन किया। अंजू सिंह ने “बावन गज का दामन”, प्रशस्ति ने “स्वीटी तेरा ड्रामा”, सुषमा सिह ने “घूमर”, प्रभा रावत ने “दिल चोरी साडा हो गया”, पावनी ने “कोई शहरी बाबू” पर नृत्य किया।
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इस अवसर पर अंजली रावत, मोहिनी विश्वकर्मा सहित अन्य उपस्थित रहे। इस अवसर पर वरिष्ठ रंगकर्मी पुनीत अस्थाना ने बताया कि हर साल 29 अप्रैल को विश्व डांस डे मनाया जाता है। साल 1982 में यूनेस्को की अंतरराष्ट्रीय थियेटर संस्था की अंतरराष्ट्रीय डांस समिति ने मॉडर्न बैले के निर्माता जीन जॉर्ज नोवेरे के जन्मदिन पर इस दिन को मनाने की घोषणा की थी।
कार्यक्रम संयोजिका शुभ्रा अस्थाना ने कहा कि नृत्य व्यक्ति के जीवन में जरूरी लय की आवश्यकता को पूरा करता है। भारतीय संस्कृति में महादेव को नटराज अर्थात नृत्य का राजा कहा गया है। इसलिए भारत में संगीत, नृत्य वादन को आध्यात्मिक स्थान हासिल है।