लखनऊ। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर हेडर्क्वाटर डीजी एनसीसी की ओर से चलाए जा रहें शहीदों को शत्-शत् नमन समारोह की कड़ी में 64 यूपी बटालियन एनसीसी लखनऊ ने बुधवार को युद्ध क्षेत्र में शहीद जवानों के परिवारजनों की उपस्थिति में शहीदों को सम्मानित व नमन करने हेतु समारोह शहीद स्मारक बाराबंकी में आयोजित किया।
इस समारोह के दौरान प्रधानमंत्री के उभरे हुए हस्ताक्षर के साथ और नई दिल्ली में नवनिर्मित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक को दर्शाने वाले विशेष ’स्मृति चिन्ह’ शहीद नायकों के परिजनों को भेंट किये गये। यह स्मरणोत्सव कार्यक्रम एनसीसी ग्रुप मुख्यालय, लखनऊ के तत्वाधान में 64 यूपी बटालियन एनसीसी, लखनऊ द्वारा आयोजित किया गया।
इस उपलक्ष्य में बटालियन के कमान अधिकारी कर्नल गौरव कार्की, सूबेदार पूरन राम, सम्पूर्ण एनसीसी स्टाफ, एनसीसी अधिकारी केयरटेकर मोहम्मद अनीस, अमीरूद्दौला इण्टर कालेज, बाराबंकी तथा एनसीसी कैडेट मौजूद रहें तथा निम्नलिखित शहीदों के निकटतम परिजन इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
शहीद सिपाही शेरबहादुर सिंह के पुत्र राम सिंह एवं पोते राजीव सिहं भी समारोह में उपस्थित हुए। शहीद सिपाही शेरबहादुर सिंह 2 राजपूत रेजीमेंट में भर्ती हुए थे और 21 अक्टूबर 1962 को भारत- चीन युद्व में राष्ट्र की सेवा में उन्होंनें सर्वोच्च बलिदान दिया।
शहीद नायब सूबेदार हरी चरण, 4 गार्ड्स के सैनिक थे। इन्होंने 14 दिसम्बर 1971 को भारत-पाक युद्ध में राष्ट्र सेवा में अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया।
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इस समारोह में उनकी बहु रमा देवी उपस्थित रहीं। शहीद जीडीएसएम जगदीश प्रसाद, 7 गार्ड्स के सेनानी थे। इन्होंने भी 14 दिसम्बर 1971 को भारत-पाक युद्ध में राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया। इस समारोह कार्यक्रम में उनके भाई मुरलीधर शिवानन्द वर्मा उपस्थित रहे।
शहीद नायब सूबेदार मोहम्मद शरीफ जो कि 114 आर्म्ड इंजीनियर रेजीमेंट की 47 आर आर बटालियन में सेनानी थे। इन्होंने 29 जून 2006 को 47 आर आर की आतंकियो के खिलाफ एक मिशन के दौरान अपने प्राणों की आहुति दी। यह कार्यवाही जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में हुई थी। इस समारोह में उनकी पत्नी अशिया बेगम उपस्थित हुईं।