98 प्रतिशत विज्ञापनों में किसी न किसी तरह का जरूरी था संशोधन

0
44

लखनऊ। एडवर्टाइजिंग स्टैण्डर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) ने वर्ष 2024-2025 के लिए अपनी वार्षिक शिकायत रिपोर्ट जारी की है। पिछले एक साल में एएससीआई ने 9,599 शिकायतों की जांच की और 7,199 विज्ञापनों की समीक्षा की।

इन सभी जांचे गए 98 प्रतिशत विज्ञापनों में किसी न किसी तरह का संशोधन जरूरी था। इस साल, ऑफ शोर सट्टेबाजी सबसे अधिक उल्लंघन करने वाला क्षेत्र रहा, जो 43 प्रतिशत मामलों में शामिल था,

इसके बाद रियल्टी (24.9 प्रतिशत), पर्सनल केयर (5.7 प्रतिशत), हेल्थकेयर (5.23 प्रतिशत), और खाद्य एवं पेय (4.69 प्रतिशत) क्षेत्र थे। इन्फ्लुएंसर उल्लंघनों का योगदान 14 प्रतिशत रहा।

एएससीआई ने वर्ष 2024-2025 के लिए पेश की वार्षिक शिकायत रिपोर्ट

एएससीआई की सीईओ और सेक्रेटरी जनरल मनीषा कपूर ने कहा इस साल हमने कई साझेदारियां की क्योंकि हमने उच्च प्रभाव वाले उल्लंघनों जैसे कि ऑफ शोर सट्टेबाजी/जुआ और रियल एस्टेट उल्लंघनों के महत्वपूर्ण क्षेत्रों से निपटने के लिए अपनी कोशिशें बढ़ाईं।

ये पहलें एएससीआई के विज्ञापन परिदृश्य को जवाब देह और जिम्मेदार बनाए रखने की नवीकृत प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। एएससीआई के चेयरमैन पार्थ सिन्हा ने कहा आज की दुनिया में विज्ञापन क्लिक्स पाने के लिए दौड़ते हैं और दावे सच की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलते हैं।

ऐसे में किसी को संयम रखना जरूरी है, और यही एएससीआई का काम है। लोगों की शिकायतों में बढ़ोतरी और यह कि कितने विज्ञापन दाताओं ने चुपचाप नियमों का पालन किया, यह दिखाता है कि विश्वास अब भी बाकी है।

हम रचनात्मकता को रोकने नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करने आए हैं कि उपभोक्ता ठगे न जाएं। डिजिटल बाजार के शोर में हमारा काम एक स्टॉल को ईमानदार बनाए रखना है।

कुल 3,347 विज्ञापन उन श्रेणियों से संबंधित थे, जिन्हें कानून द्वारा पूरी तरह से विज्ञापित करने की मनाही है। इनमें 3,081 ऑफशोर अवैध सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के विज्ञापन शामिल थे,

जिनमें 318 विज्ञापन इन्फ्लुएंसर्स द्वारा ऐसे प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने वाले थे 233 विज्ञापन जो संभावित रूप से ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज़ एक्ट का उल्लंघन करते थे 21 विज्ञापन जो एल्कोहॉल ब्रांड्स को बढ़ावा देते थे और 12 विज्ञापन जो आरबीआई द्वारा प्रतिबंधित अनधिकृत फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप्स को बढ़ावा दे रहे थे।

एएससीआई ने 1,015 इन्फ्लुएंसर विज्ञापनों की जांच की, जिनमें से 98प्रतिशत में संशोधन की जरूरत थी। लिंक्डइन पर 121 उल्लंघन पाए गए, जहां प्रोफेशनल ने पेड पार्टनरशिप का खुलासा नहीं किया, जिसके बाद एएससीआई ने प्लेटफॉर्म पर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष सलाह जारी की।

जांचे गए विज्ञापनों में से 89प्रतिशत एएससीआई के सक्रिय प्रयासों से आए, जबकि बाकी 11प्रतिशत बाहरी स्रोतों से प्राप्त शिकायतें थीं। एएससीआई ने आम जनता द्वारा चिन्हित 659 विज्ञापनों पर कार्रवाई की, जो पिछले साल की तुलना में 83.5प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

जैसा कि पिछले वर्षों में देखा गया,डिजिटल माध्यम शिकायतों की प्रोसेसिंग में सबसे आगे रहा, जिसमें 94.4 प्रतिशत विज्ञापन डिजिटल से थे, इसके बाद 2.6 प्रतिशत टेलीविजन और 2.4 प्रतिशत प्रिंट से। एएससीआई ने सोशल मीडिया टैग्स की भी सक्रियता से निगरानी की, ताकि उपभोक्ताओं द्वारा चिन्हित उल्लंघनों पर कार्रवाई की जा सके।

जनता की शिकायतों में वृद्धि उपभोक्ताओं की बढ़ती जागरूकता और एएससीआई के शिकायत निवारण तंत्र पर विश्वास को दर्शाती है एएससीआई के निरंतर प्रयासों से कुल 83प्रतिशत अनुपालन दर हासिल हुई है जिसमें टेलीविजन और प्रिंट में 98 प्रतिशत की लगभग पूर्ण अनुपालन दर देखी गई।

2024-25 की अवधि में, एएससीआई ने शिकायतों के समाधान के लिए औसत समय को काफी कम कर 16 दिन कर दिया, इसमें पिछले साल की तुलना में 46 प्रतिशत का सुधार हुआ है।

यह उपलब्धि इसलिए संभव हुई क्योंकि 59 प्रतिशत विज्ञापन दाताओं ने एएससीआई के संपर्क करने पर तुरंत अपने विज्ञापनों को संशोधितया वापस लिया, साथ ही प्रोसेसिंग दक्षता में वृद्धि हुई।

ये भी पढ़ें : CBDT ने बढ़ाई ITR फाइलिंग की समय सीमा: करदाताओं को मिलेगा अतिरिक्त समय

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here