क्रेडफोर्स की अंतरराष्ट्रीय जालसाजी ने तोड़ दिए 218 परिवारों के सपने

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लखनऊ। क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड की अंतर्राष्ट्रीय जालसाजी का शिकार हुए 218 भारतीय निवेशकों ने संयुक्त रूप से पत्र लिखकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस मामले में उन्हें न्याय दिलाने में मदद करने की गुहार लगाई है। शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन निवेशकों ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा।

क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड के फर्जीवाड़े के शिकार 6 निवेशकों की गम्भीर बीमारियों से मौत

निवेशकों में से ज्यादातर उम्रदराज और रिटायर्ड लोग हैं जिन्होंने अपनी जीवन भर की मेहनत की कमाई क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड में निवेश की थी। इन निवेशकों को अच्छे रिटर्न्स की उम्मीद थी लेकिन बदले में उन्हें मिला धोखा। इस आघात के चलते 6 निवेशक अपनी जान भी गंवा चुके हैं।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीड़ित निवेशकों का पक्ष रखते हुए आदित्य बाजोरिया व तनवीर डगमैन ने बताया, “क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड कंपनी नई दिल्ली में पंजीकृत है और इसे पहले टीसीजी हैमिल्टन के नाम से जाना जाता था और सीएफओ और निदेशक राजीव गुप्ता और उनकी पत्नी गीतिका गुप्ता द्वारा प्रचारित किया जाता है

अन्य निदेशक संजीव शुक्ला और संजीव ढींगरा शामिल हैं। यह एक शिक्षा और क्रेडेंशियल कंपनी है।”  निवेशकों के अनुसार, दिसंबर 2019 तक, कंपनी ने निवेशकों को तरजीही शेयर जारी करके 70 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए थे, और 31 मार्च, 2018 तक, लगभग 250 करोड़ रुपये रिजर्व में रखे थे।

निवेशकों ने उत्तर प्रदेश के सीएम  योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर लगाई  गुहार

हालांकि, 2017-18 से कंपनी ने कथित तौर पर आयकर रिटर्न जैसे वैधानिक अनुपालन को पूरा नहीं किया और निवेशकों को भुगतान करने में हीलाहवाली शुरू कर दी गई। कंपनी ने कोविड के चलते परिचालन कठिनाइयों का हवाला दिया और जल्द से जल्द राशि का भुगतान करने का वादा किया।

करीब 218 निवेशक प्रभावित हुए और 55 करोड़ रुपये का निवेशकों का मूलधन कंपनी के पास फंस गया। लखनऊ के रहने वाले राजीव गुप्ता और गीतिका गुप्ता ने दिल्ली और गुड़गांव में आफिस के साथ क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड की स्थापना की।

इन दोनों ने 218 निर्दोष निवेशक परिवारों को धोखा दिया, जिनमें से अधिकांश वरिष्ठ नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता और छात्र हैं जिन्होंने अपनी जीवन भर की बचत इस जालसाजी के चलते गंवा दी। दुर्भाग्य से, छह निवेशकों की भी मृत्यु हो गई

क्योंकि जालसाजों ने उनकी गाढ़ी कमाई के लिए उनके बार-बार किए गए अनुरोधों की अनदेखी की और उन्हें समय रहज उनके इलाज के लिए जरूरी पैसे भी नहीं मिल सके। इन जालसाजी के चलते मौत की मुंह मे जाने वाले निवेशकों में कुछ कैंसर पीड़ित भी थे। शेष निवेशक अपनी जीवन भर की जमा-पूंजी खोने के बाद सदमे की स्थिति में हैं।

इनमें से भी कुछ निवेशकों का स्वास्थ्य गम्भीर अवस्था में हैं और कैंसर जैसी गंभीर चिकित्सा स्थितियों से जूझ रहे हैं।निवेशकों के अनुसार लखनऊ के मूल निवासी एक अमेरिकी यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र राजीव गुप्ता और एक मल्टीनेशनल कंपनी में

उच्च पद पर आसीन गीतिका गुप्ता द्वारा 12.25 प्रतिशत के निश्चित लाभांश के साथ प्रेफरेंशियल शेयरों के रूप में क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड में निवेश करने के लिए उन्हें धोखा दिया गया था। बाद में, दिसंबर 2019 से, उन्होंने कोविड का हवाला देते हुए मूलधन और लाभांश का भुगतान बंद कर दिया।

निवेशकों ने बताया कि गुप्ता परिवार ने निवेशकों को धोखा देते हुए और बिना उनकी सहमति के एक नई कंपनी, एडवांटिक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड बनाकर निवेशकों को धोखा देना जारी रखा

और क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड के शेयरधारकों को उनके कानूनी ऋणों का भुगतान किए बिना सभी संपत्तियों, कर्मियों, अनुबंधों और बौद्धिक संपदा को नई कंपनीं हस्तांतरित कर दिया।

क्रेडफोर्स एशिया लिमिटेड के खाते में महज 4,000 रुपये होने के बाद भी, इन दोनों ने कुल 20 करोड़ रुपये की अपनी प्रतिबद्धता को बढ़ाने के लिए पांच महीने बाद की तारीख डालते हुए क्रेडफोर्स निवेशकों के पोस्ट डेटेड चेक भी भेज दिए। जैसा कि अपेक्षित था, सभी चेक बाउंस हो गए

और पूरे भारत की अदालतों ने उन्हें अरेस्ट कर अदालत में पेशी के लिए आवश्यक अरेस्ट वारंट जारी किए।विस्तृत जांच जुलाई 2021 में शुरू हुई और फरार हुए एक निदेशक और चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर संजीव शुक्ला को गिरफ्तार कर इस वर्ष 27 सितम्बर को दिल्ली पुलिस की ईओडब्ल्यू द्वारा गिरफ्तार किया गया,

जिसे 17 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। तब से अबतक दिल्ली स्थित सीजेएम और सेशंस कोर्ट नौ बार संजीव शुक्ला की जमानत याचिका खारिज कर चुकी है। निवेशकों का आरोप है कि इस बीच फंड की हेराफेरी करने के बाद राजीव और गीतिका गुप्ता विदेश भाग चुके हैं।

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निवेशकों द्वारा राजीव गुप्ता और उनकी पत्नी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गई है और उनका पासपोर्ट रद्द करने और अगस्त 2023 में होने वाले नवीनीकरण को अवरुद्ध करने की मांग की गई है।

निवेशकों ने यह भी आरोप लगाया कि गुप्ता परिवार विदेश में है और 2019 में एक स्विमिंग पूल के साथ एक बहुत ही भव्य बंगला खरीदा है। गुप्ता परिवार अब कई मध्यम वर्गीय परिवारों की पीड़ा की कीमत पर एक बहुत ही भव्य जीवन व्यतीत के रहा है।

निवेशकों ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है, “आदरणीय महोदय, अब हम 218 परिवारों आपसे विनती कर रहे हैं कि आप अपने अधिकार का उपयोग कर स्टेट डिपार्टमेंट से टेक्सास में राजीव गुप्ता और गीतिका गुप्ता की गिरफ्तारी का आदेश जारी करने के लिए आवश्यक कदम उठाए

ताकि उनके राष्ट्रीयता बदलने से पहले उनके पासपोर्ट को रद्द और निरस्त किया जा सके। ह्यूस्टन में भारतीय उच्चायोग और अमेरिकी राजदूत को सभी आवश्यक दस्तावेजी साक्ष्य दिए जा चुके हैं और वे इस स्थिति से अवगत हैं।

हम आपसे इस मामले में आपके हस्तक्षेप की अपील करता है ताकि 218 मध्यवर्गीय भारतीय परिवारों को उनकी जमापूंजी वापस मिलने के साथ न्याय मिल सके।”

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