लखनऊ। चेतना साहित्य परिषद लखनऊ के तत्वावधान में युवा रचनाकार अमर कुमार श्रीवास्तव की काव्य कृति प्रेम अमर है मुक्तक संग्रह का लोकार्पण लविवि के हिन्दी विभाग के पूर्व आचार्य प्रो हरि शंकर मिश्र की अध्यक्षता में हुआ।
यूपी प्रेस क्लब में हुए विमोचन में प्रो.हरि शंकर मिश्र ने अमर की स्वरचित काव्य कृति प्रेम अमर है की व्याख्या की और बताया कि इस कृति में श्रृंगार के मुक्तक ज्यादा है जिससे पता चलता है कि जिंदगी में श्रृंगार का महत्व ज्यादा है। ये बात अलग है कि श्रृंगार प्रकृति का किया जाये या रूप राशि का हो या जीवन का किया जाये।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा.अमिता दुबे (सम्पादक उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान) इस काव्य कृति को साहित्य की अमूल्य निधि करार दिया और कहा कि ऐसा उत्कृष्ट साहित्य अमरत्व को प्राप्त करता है। मुख्य वक्ता भोलानाथ अधीर ने बोला कि ऐसी काव्य कृतियां कृतिकार को समाज में सम्मान दिलाती ही है साथ ही व्यक्तित्व का परिचय भी कराती हैं।