लखनऊ। आत्मनिर्भर किसान अभियान मंगलवार को उत्तर प्रदेश के राज्य कृषि प्रबंध संस्थान में पहुंचा, जहां पर संस्थान के निदेशक डॉ पंकज त्रिपाठी, अपर कृषि निदेशक डॉ पी के गुप्ता, संयुक्त कृषि निदेशक, उप कृषि निदेशक तथा अन्य अधिकारियों ने आभियान दल के सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
संस्थान के ऑडिटोरियम में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हुए प्रगतिशील किसानों को संबोधित करते हुए, राज योगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग की राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य तथा कृषि विभाग में सहायक निदेशक के पद पर कार्य करने
का 21 वर्षों का अनुभव रखने वाले भ्राता श्री बद्री विशाल तिवारी जी ने बताया कि हमारी प्राचीन भारतीय संस्कृति, कृषि आधारित थी। उस प्राचीन ऋषि कृषि को ही हम यौगिक खेती कहते हैं। आज रासायनिक खेती के दुष्प्रभाव से प्रकृति और मानवता को बहुत बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है।
किसान आर्थिक सामाजिक और मानसिक रूप से बेहद कमजोर हो चुका है। हम फिर से उस भारतीय प्राकृतिक कृषि को अपनाकर किसानों को आर्थिक सामाजिक एवं मानसिक रूप से सशक्त बना सकते हैं। अन्न और मन को शुद्ध करके स्वर्णिम भारत बना सकते हैं। यही इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही लखनऊ की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका इंदिरा दीदी जी ने किसानों के मानसिक सशक्तिकरण पर विशेष बल दिया और सभा में उपस्थित किसानों से किसी एक बुराई का दान करने का संकल्प कराया।
ये भी पढ़ेें : बेटियों को आगे बढ़ाने में कनक बिहारी ट्रस्ट की अग्रणी भूमिका : डॉ लीना मिश्र
राज्य कृषि प्रबंध संस्थान के निदेशक डॉ पंकज त्रिपाठी ने संस्था के इस बेहद की भावना और कल्याणकारी अभियान को सराहा तथा अपना हर संभव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने अभियान के सभी सेवाधारियों का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए किसानों से प्राकृतिक खेती को अपनाने का बल दिया। कार्यक्रम में 250 से अधिक किसान और कृषि विशेषज्ञ शामिल हुए।