लखनऊ। 34 वर्षों से निरंतर शहीदों की स्मृति में यह यात्रा मिसाल है। शहीदों को याद रखना उनके विचारों का प्रचार-प्रसार करना बडा काम है। यह बातें पदमश्री परवीन तलहा ने सोमवार को कहीं। वह उत्तर प्रदेश क्रांतिकारी परिषद की 34वीं साइकिल यात्रा में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहीं थीं।
उत्तर प्रदेश क्रांतिकारी परिषद के तत्वाधान में निकली 34वीं साइकिल यात्रा
हर वर्ष की तरह इस बार भी साइकिल यात्रा नेताजी सुभाष चौक हजरतगंज से काकोरी शहीद स्मारक तक गई। इस मौके पर पदमश्री परवीन ने कहा कि यह चार शहीद काकोरी के नहीं थे। यह देश के युवाओं का देश को आजादी दिलाने का साझा प्रयास था।
जिसमें विभिन्न धर्मों के लोग शामिल थे। देश के क्रांतिकारी आंदोलन की महत्वपूर्ण घटना “काकोरी कांड” के अमर शहीदों पं.राम प्रसाद ‘बिस्मिल’ ठाकुर रोशन सिंह, राजेन्द्र लाहिड़ी और अशफाक उल्लाह खां के बलिदान दिवस 19 दिसंबर पर आयोजित साइकिल यात्रा को पदमश्री परवीन तलहा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
बताते चलें कि 9 अगस्त, 1925 को काकोरी के निकट सहारनपुर पैसेंजन ट्रेन में रखे सरकारी खजाने को लूटकर देश के क्रान्तिकारियों ने ब्रिटिश सरकार को चुनौती दी थी।
जिससे बौखलाई ब्रिटिश सरकार ने क्रांतिकारी आंदोलन को कुचलने के उद्देश्य से सघन छापेमारी और गिरफ्तारियां कर क्रांतिकारियों पर ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध युद्ध छेड़ने का कथित मुकदमा चलाकर निर्ममता से राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी को 17 दिसंबर व पं राम प्रसाद ‘बिस्मिल’, रोशन सिंह व अशफाकउल्लाह खां को 19 दिसंबर को फांसी फंदे पर लटका दिया था।
ये भी पढ़ें : काकोरी शहीदों की स्मृति में साईकिल यात्रा 19 को
उन्हीं शहीदों के बलिदानों की स्मृति में साइकिल यात्रा निकलती है। यात्रा सुभाष चौक से कैसरबाग बस अड्डा, अमीनाबाद, रकाबगंज, चौक, बालागंज, दुबग्गा होते हुए काकोरी शहीद स्मारक के बीच खुनखुनजी कोठी, बालागंज समेत कई स्थलों पर पहुंची।
जहां अनिल मिश्र गुरुजी के लेखन- निर्देशन व अभिनय से सजे नुक्कड़ नाटक ‘ लोकतंत्र के कुत्ते’ का प्रदर्शन हुआ। देश की वर्तमान सामाजिक एवं राजनीतिक परिस्थितियों पर चोट करता नुक्कड़ नाटक में नाट्य संस्था अमुक आर्टिस्ट ग्रुप के कलाकारों रामचंदर, ज्योति,
पूनम विश्वकर्मा, महेशचंद्र देवा, कंवलजीत सिंह, अंतरा ने अभिनय किया। यात्रा में अंतराष्ट्रीय एथलीट शिवकुमार यादव, जनसेवक राजा भाई, अरविन्द ‘असर’, पत्रकार राकेश राय, राजवीर रतन, संगीतकार इलियास खान, सोनल ठाकुर, अभिनीत जैन, अंशुमान दीक्षित, लोक कवि कृष्णानंद, विष्णु पांडेय, हास्यकवि अनिल, सुरेंद्र तिवारी, अजय नायक, रीता सिंह, रजनीकांत सोनकर, अर्चना जैन सहित कई युवा शामिल रहे।