नई दिल्ली: आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप-2023 नई दिल्ली में 15 से 31 मार्च तक आयोजित की जाएगी। भारत टूर्नामेंट के इतिहास में तीसरी बार प्रत्येक दो साल में होने वाली इस चैंपियनशिप की मेजबानी करने को तैयार है।
2001 में अपने आगाज के बाद से इस प्रतिष्ठित वैश्विक चैंपियनशिप का इससे पहले भारत में दो बार – 2006 और 2018 में आयोजन हो चुका है। इससे पहले भी इसका आयोजन नई दिल्ली में ही हुआ था। इसके अलावा भारत ने गुवाहाटी में साल 2017 में महिला युवा विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी की थी।
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भारतीय मुक्केबाजी महासंघ के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, “साल 2023 में होने वाली दुनिया की सबसे बड़ी मुक्केबाजी प्रतियोगिताओं में से एक की उलटी गिनती शुरू हो गई है। विश्व चैंपियनशिप भारतीय मुक्केबाजी की अद्वितीय साख का गवाह रही है।
हम इसके सफल आयोजन और भारत आने वाले सभी मुक्केबाजों को एक शानदार अनुभव देने के लिए तैयार हैं। आईबीए टीम के साथ साझेदारी में, हमें विश्वास है कि विश्व चैंपियनशिप विश्व स्तर पर मुक्केबाजी को बढ़ावा देने में मदद करेगी।
हम इस बात को लेकर रोमांचित हैं कि भारतीय मुक्केबाज एक फिर से वैश्विक मंच पर अपनी छाप छोड़ेंगे और विश्व चैंपियनशिप के दौरान रिंग में प्रेरणादायक प्रतिस्पर्धा का हिस्सा बनेंगे।”
विश्व चैंपियनशिप 12 भार वर्गों- 48 किग्रा, 50 किग्रा, 52 किग्रा, 54 किग्रा, 57 किग्रा, 60 किग्रा, 63 किग्रा, 66 किग्रा, 70 किग्रा, 75 किग्रा, 81 किग्रा और +81 किग्रा में आयोजित होगी। इसके लिए पंजीकरण जल्द ही शुरू हो जाएगा।
बीएफआई और आईबीए चैंपियनशिप में एक ऐतिहासिक बाउट समीक्षा प्रणाली (बाउट रिव्यू सिस्टम) शुरू करने के लिए भी काम कर रहे हैं।
हाल के वर्षों में भारत में मुक्केबाजी का काफी विकास हुआ है। विश्व चैंपियनशिप, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों जैसी हालिया वैश्विक और मल्टी-स्पोर्ट इवेंट्स में भारत लगातार शीर्ष-5 देशों में शामिल रहा है।
आगामी विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी करने का अवसर भी बीएफआई द्वारा देश में खेल को विकसित करने और वैश्विक स्तर पर इसकी स्थिति को विकसित करने के प्रयासों का एक वसीयतनामा (टेस्टामेंट) है।
भारतीय महिलाओं ने अब तक चैंपियनशिप के 12 संस्करणों में 10 स्वर्ण सहित 39 पदक जीते हैं। भारत ने जब पिछली बार 2018 में नई दिल्ली में टूर्नामेंट की मेजबानी की थी, तब 62 देशों के 277 मुक्केबाजों ने भाग लिया था। भारतीय खिलाड़ियों ने उस साल चार पदक जीते थे।