हम तो मस्त फकीर, हमारा कोई नहीं ठिकाना रे, जैसा अपना आना प्यारे, वैसा अपना जाना रे

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लखनऊ. गीत ऋषि पद्मभूषण डॉ गोपाल दास नीरज जी द्वारा लिखी गई यह पंक्तियां उनके व्यक्तित्व पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं. नीरज जी जैसा मस्त मौला कवि, साहित्य का पुजारी, प्रेम का दीवाना कोई दूसरा हो ही नहीं सकता.

आज नीरज जी की 98वी जन्म जयंती के अवसर पर ट्रस्ट के इंदिरा नगर स्थित कार्यालय में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक तथा महाकवि “गीतों के दरवेश” पद्मभूषण (डॉ.) गोपालदास ‘नीरज’  को श्रद्धापूर्ण पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

लखनऊ में जल्द ही लगेगी नीरज जी की भव्य प्रतिमा : हर्ष वर्धन अग्रवाल

कार्यक्रम के अंतर्गत ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल, न्यासी डॉ रूपल अग्रवाल, ट्रस्ट के स्वयंसेवकों, लाभार्थियों आदि ने नीरज जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें सादर नमन किया.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आभार व्यक्त करते हुए ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि “प्रत्येक वर्ष पांच नवोदित कवियों को स्वर्गीय गोपाल दास नीरज स्मृति पुरस्कार योजना का प्रारंभ करके तथा लखनऊ में नीरज जी की प्रतिमा लगाने के ट्रस्ट के प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने पर साहित्य जगत में योगी जी के नेतृत्व को स्थायी स्थान प्राप्त हो गया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “स्वर्गीय गोपाल दास नीरज स्मृति पुरस्कार योजना” प्रारंभ करके नीरज जी को अमर कर दिया है. उनके साथ अपनी यादों को ताजा करते हुए हर्ष वर्धन अग्रवाल कहते हैं कि नीरज जी से पहली बार मुलाकात ट्रस्ट द्वारा 02 जुलाई 2013 को आयोजित कार्यक्रम “एक शाम जगजीत सिंह के नाम” मे हुयी थी जिसमें नीरज जी स्वयं पधारे थे.

नीरज जी उस कार्यक्रम से और हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा जनहित में किए जा रहे कार्यों से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के संरक्षक बनने की हमारी प्रार्थना को स्वीकार किया और हमें अपना आशीर्वाद प्रदान किया.

उसके बाद नीरज जी के संरक्षण में हमने अनेकों कार्यक्रमों का आयोजन किया  तथा जब तक वह जीवित थे उनके हर जन्मदिन को भव्य तरीके से मनाया, नीरज जी के अंतिम 5 वर्षों में उनकी सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ. नीरज जी के मार्ग दर्शन में हमने कॉफ़ी टेबल बुक गीतों के दरवेश : गोपाल दस नीरज तैयार की.

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इसका विमोचन स्वयं अमिताभ बच्चन ने अपने जुहू, मुंबई स्थित अपने आवास पर 24 फरवरी 2018 को किया था. वर्ष 2014 से नीरज जी के जीवित रहने तक, ट्रस्ट को नीरज जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ, जिससे ट्रस्ट ने समाज, साहित्य, आध्यात्म, एवं संस्कृति के क्षेत्र में भव्य आयोजन किये तथा जनहित में अनेकों पुस्तकों का प्रकाशन किया.

नीरज जी की मृत्यु के उपरांत कारवां चलता रहा और 19 जुलाई 2019 को पद्मभूषण डॉ.गोपालदास ‘नीरज’ जी की प्रथम पुण्यतिथि पर “नीरज स्मृति” का आयोजन, 3 जनवरी 2022 को नीरज जी की 97वीं जयंती की पूर्व संध्या पर कवि सम्मलेन काव्यांजलि

तथा 4 जनवरी 2022 को नृत्य प्रस्तुति “बेमिसाल नीरज : कारवाँ गुज़र गया”, 19 जुलाई 2022 को पद्मभूषण डॉ श्री गोपाल दास नीरज जी की चौथी पुण्यतिथि पर आयोजित ऑनलाइन सांस्कृतिक कार्यक्रम “गीतों के दरवेश : गोपालदास नीरज – गीत श्रद्धांजलि” का आयोजन किया गया.

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