नई दिल्ली: भारत के किदांबी श्रीकांत ने कड़ा संघर्ष किया लेकिन ओलंपिक और विश्व चैंपियन डेनमार्क के विक्टर एक्सेलसेन को योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन 2023 के दूसरे दौर में जाने से नहीं रोक सके।
विक्टर के अलावा सर्वोच्च वरीयता प्राप्त महिला खिलाड़ी अकाने यामागुची भी इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में जारी इस एचएसबीसी बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर सुपर 750 इवेंट के दूसरे दौर में पहुंचने में सफल रहीं।
ली जी जिया व एंटोनसेन भी जीते
दुनिया के 14वें नंबर के भारतीय खिलाड़ी श्रीकांत ने अपनी आक्रामक प्रवृत्ति पर भरोसा किया और अंक हासिल करने के लिए अपना ट्रेडमार्क जंप स्मैश खेला लेकिन एक्सेलसेन ने मैच जीतने के दबाव को अच्छी तरह झेला और 21-14, 21-19 के अंतर से मैच जीतने में कामयाबी हासिल की। श्रीकांत पर एक्सेलसेन की यह लगातार सातवीं जीत है।
दिन के अन्य मैचों में दूसरी वरीय ली जी जिया और डेनमार्क के एंडर्स एंटोनसेन ने अपने अपेक्षाकृत अज्ञात विरोधियों के खिलाफ जीत के साथ पहले दौर की बाधा पार की जबकि जापान के कोडाई नारोका तीसरे वरीय सिंगापुर के लोह कीन यू के खिलाफ तीन गेम तक चले मुकाबले में हार गए।
महिला एकल में अकाने यामागुची, एन से यंग आसान जीत के साथ दूसरे दौर में
चोटों से जूझ रहे एंटोनसेन ने फ्रांस के टोमा जूनियर पोपोव को 18-21, 21-19, 21-13 से हराया। इससे पहले ली को इंडोनेशिया के शेसार हिरेन रुस्तावितो के खिलाफ 20-22, 21-19, 21-12 के अंतर से जीत हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी।
वर्ल्ड नंबर-1 एक्सेलसेन पहले दौर के मुकाबले में जीत के दावेदार थे। उन्होंने पिछले हफ्ते मलेशिया ओपन सहित पिछले 12 महीनों में खेले गए 14 टूर्नामेंटों में से 10 में जीत हासिल की थी। उन्होंने शुरुआती गेम में धैर्य दिखाया। मैच में हर अंक के लिए विक्टर ने इस बात का इंतजार किया कि श्रीकांत गलतियां करें।
हालांकि, श्रीकांत संघर्ष किए बिना हार मानने को तैयार नहीं थे और जब उन्होंने दूसरे गेम में 14-5 की बढ़त बना ली। उस समय ऐसा लग रहा था कि भारतीय 14वें प्रयास में डेनमार्क के इस खिलाड़ी के खिलाफ अपना पहला गेम जीत सकते हैं।
एक्सेलसेन स्कोर लाइन से बेफिक्र रहे और अपने गेम प्लान पर अड़े रहे। हां, इतना जरूर था कि अपने प्रतिद्वंद्वी पर दबाव बनाने के लिए रैलियों की गति को बदलते रहे। उन्होंने एक लंबी रैली पर अंक लेकर स्कोर 14-8 किया और फिर गेम में वापसी करने के लिए लगातार सात अंक हासिल किए।
एक्सेलसेन ने मैच के बाद कहा, “मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैं उस मैच को जीतने में कामयाब रहा। मुझे दूसरे गेम में बिल्कुल भी अच्छा नहीं लग रहा था। श्रीकांत ने कदम आगे बढ़ाया और अचानक उन्होंने मुझे लॉक कर दिया। हां, वास्तव में आश्चर्यजनक खेल था उनका।
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हालांकि, मैं वास्तव में खुश हूं कि मैं सीधे गेम में मैच जीतने में कामयाब रहा। एक गर्म आर्द्र देश (मलेशिया) से नई दिल्ली में आना आसान नहीं है। इसलिए मैं सर्वश्रेष्ठ तरीके से हालात के साथ तालमेल बनाने की कोशिश कर रहा हूं। ”
अब दूसरे दौर में एक्सेलसेन का सामना चीन के शि यू क्यूई से होगा।
मैच के बाद श्रीकांत ने कहा, “कुल मिलाकर मुझे लगता है कि मैं अच्छा खेला लेकिन वास्तव में कुछ और अंक ले सका। यहां तक कि पहले गेम में, भले ही स्कोर 14-16 या कुछ और था, मेरे पास बस कुछ टैप-आउट और कुछ स्मैश-आउट थे। दूसरे गेम में, 19-18 पर मैंने टैप आउट किया जब शटल नेट को छू गया और बाहर चला गया।
इससे पहले, पूर्व विश्व चैंपियन लोह और नारोका के बीच दिन का अन्य मार्की संघर्ष हालांकि, उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा, क्योंकि जापानी, जो पिछले हफ्ते मलेशिया ओपन के फाइनल में पहुंचे थे, स्पष्ट रूप से अपनी सहनशक्ति के साथ संघर्ष कर रहे थे। वह यह मैच 18-21, 21-9, 21-7 से हार गए।
शीर्ष वरीयता प्राप्त जापान की अकाने यामागुची, दक्षिण कोरिया की दूसरी वरीयता प्राप्त एन से-यंग और चीन की चौथी वरीयता प्राप्त है बिंगजियाओ ने महिला एकल वर्ग में बिना किसी दिक्कत के अपने-अपने मैच जीते।
पुरुष युगल वर्ग में, खिताब के प्रबल दावेदार इंडोनेशिया के हेंड्रा सेतियावान और मोहम्मद अहसान शुरुआती दौर में ही बाहर हो गए। चौथी वरीय जोड़ी ने निर्णायक गेम में दो मैच प्वाइंट बचाए लेकिन चीन के वेई केंग लियांग और चांग वांग के खिलाफ एक घंटे से भी कम समय में 21-14, 18-21, 23-21 से हार को टाल नहीं सके।
इस बीचअन्य भारतीय आकर्षी कश्यप और मालविका बंसोड़ भी अपनी अपनी उच्च रैंक वाले विरोधियों के खिलाफ हार गईं। कश्यप को अमेरिका के पूर्व चैंपियन बेइवेन झांग से 15-21, 12-21 से जबकि मालविका बंसोड़ को थाईलैंड की बुसानन ओंगबामरुंगफान के खिलाफ 17-21, 12-21 से हार का सामना करना पड़ा।