लखनऊ: ब्राजील, संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, कोलंबिया, नीदरलैंड, मॉरीशस, सेनेगल, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रेलिया और अर्जेंटीना आदि सहित विभिन्न देशों के 52 गन्ना वैज्ञानिकों के एक विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ का दौरा किया।
1924 में स्थापित इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ गन्ना टेक्नोलॉजिस्ट (आईएसएससीटी), गन्ना चीनी उद्योग तथा इसके सह-उत्पाद की तकनीकी प्रगति से संबंधित वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों, प्रबंधकों, संस्थानों और कंपनियों/निगमों का एक संघ है, जो 20-23 फरवरी, 2023 को हैदराबाद (भारत) में XXXI कांग्रेस का का आयोजन कर रहे हैं।
कांग्रेस में सहभागिता करने वाले विदेशी प्रतिनिधियों के लिए इस पूर्व-कांग्रेस दौरे का आयोजन किया गया ताकि उन्हें भारत में गन्ने की फसल में किए गए नवीनतम अनुसंधान एवं विकास के बारे में भी जानकारी दी जा सके।
डॉ.आर.विश्वनाथन (निदेशक, भाकृअनुप- भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ) ने अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह भेंट कर प्रतिभागियों का स्वागत किया। डॉ. विश्वनाथन ने संस्थान की सात दशकों से अधिक की शोध यात्रा के दौरान हासिल की गई अनुसंधान और विकासात्मक उपलब्धियों के बारे में एक पॉवरपॉइंट प्रस्तुति दी ।
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विदेशी प्रतिनिधि भारत में गन्ना क्षेत्र की विशिष्ट उपलब्धियों से अत्यंत प्रभावित हुए तथा उन्होने भारत की सफलता की गाथा को अपने देशों में दोहरने का प्रयास करेंगे।
इसके अतिरिक्त विदेशी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने संस्थान के वैज्ञानिकों से उपोष्ण भारत की सबसे लोकप्रिय किस्म को 0238, दो पंक्तियों के मध्य की अध्क दूरी तथा गन्ना खेती के यंत्रीकरण के विषय सहित गन्ना अनुसंधान में शामिल विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
प्रतिनिधिमंडल ने संस्थान के प्रायोगिक क्षेत्रों के प्रक्षेत्र और संस्थान की विभिन्न प्रयोगशालाओं का दौरा किया। डॉ. एम. स्वप्ना (प्रधान वैज्ञानिक, फसल सुधार विभाग) ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया ।