नाटक, प्रशिक्षण सुलेखन कर पंजाबी के महत्व की दी जानकारी

0
118

लखनऊ। 12 सौ वर्ष पुरानी मातृभाषा पंजाबी के के प्रचार-प्रसार के लिए नाटक, प्रशिक्षण और सुलेखन किया गया। आजाद लेखक एवं कवि सभा लखनऊ की ओर से आलमबाग वीआईपी रोड के गुरुद्वारा भाई लालो जी में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस धूमधाम से मनाया गया।

गुरुद्वारा भाई लालो जी वीआईपी रोड में कार्यक्रम

कार्यक्रम गुरुद्वारे के महाराजा जस्सा सिंह सभागार में यूनेस्को से  निर्धारित तिथि 21  फरवरी को नरेन्द्र सिंह मोंगा की अध्यक्षता में हुआ। कार्यक्रम में प्रसिद्ध रंगकर्मी आतमजीत सिंह और उनके बेटे युवा रंगकर्मी सरबजीत सिंह ने प्रेरणादायक नाटक मंचित किया।

नाटक के जरिये नाट्य मंडली ने पंजाबियों की सामान्य बोलचाल से दूर हो रही पंजाबी ‘मां बोली’ के लिखने, पढ़ने और बोलने के लिए जागरुक किया। विभिन्न विद्यालयों गुरु नानक गर्ल्स इंटर कालेज, दशमेश पब्लिक स्कूल, अवध कालेजिएट सहित अन्य विद्यालयों के बच्चों ने पंजाबी बोली के सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए।

लखनऊ के विचारक डॉ दलबीर सिंह, डॉ सत्येन्द्र पाल सिंह,  सुरिंदर पाल सिंह ने पंजाबी के महत्व एवं प्रचार- प्रसार के प्रयासों का महत्व बताया। सभा महासचिव दविंदर पाल सिंह बग्गा ने आजाद लेखक एवं कवि सभा का परिचय और मातृभाषा दिवस का महत्व बताया। वरिष्ठ कवि मनमोहन सिंह मोहनी और अजीत सिंह ने काव्यपाठ कर प्रभावित किया।

ये भी पढ़ें : किसान-केन्द्रित तथा चीनी उद्योग-केन्द्रित शोध करने पर ज़ोर देने की अपील

सांस्कृतिक कार्यक्रम के कलाकारों व अतिथियों का स्वागत संगठन सचिव त्रिलोक सिंह बहल ने और मंच संचालन सरबजीत सिंह बख्शीश ने किया। आयोजन स्थल पर मां बोली पंजाबी के प्रचार के सुझावों को कैलीग्राफिक बोर्ड पर प्रदर्शित किया गया।

प्रतिभागी बच्चों को पंजाबी भाषा के प्रशिक्षण हेतु पुस्तकें पंजाबी प्रवेशिका भाग एक और दो वितरित की गईं। मुख्य अतिथियों को वर्ष 850 ईस्वी से 1950 तक के के पंजाबी भाषा के इतिहास और इस अवधि के 187  साहित्य-सेवियों पर आधारित पुस्तक “अनमोल कलमां” भेंट की गई। शॉल व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह मोंगा ने आभार जताया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here