लखनऊ। गोमतीनगर जनकल्याण महासमिति के तत्वाधान में राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी का स्वागत कई प्रबुद्ध वर्ग के कई लोगो ने किया।
डॉ पशुपति पाण्डेय ने अपने पुस्तक “ब्रह्म सत्यम जगत मिथ्या” एवम राम अवतार सिंह खंगार “नीम मैन” जी की दो पुस्तक “बुंदेलखंड का इतिहास यात्रा” एवं “नटखट बचपन”की पुस्तक का विमोचन किया।
डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने भारतीय संस्कृति एवं राष्ट्रवाद पर वक्तव्य में उन्होंने भगवान गणेश के स्वरूप का शास्त्रीय विवरण देते हुए,भारतीय संस्कृति के विकास के बारे में विस्तृत रूप से उन्होंने एकलव्य भीष्म पितामह द्रोणाचार्य आदि महाभारत काल की श्री राम जन्म भूमि प्राचीन इतिहास को बताया तथा राम एवं भरत के त्याग वा राम जी के भाइयों एवं औरंगजेब के भाइयों एवं इतिहास त्याग,तपस्या की समालोचनात्मक विवेचना प्रबुद्ध जनों के मध्य वर्णित किया।
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विदुषी नारियों के द्वारा मनीषियों के साथ शास्त्रात के संबंध में गार्गी,लोपामुद्रा, घोषा,अपाला इत्यादि विदुषी नारियों के द्वारा किए गए शास्त्र के संबंध में भी वर्णन किया, भारतीय इतिहास में नारियों के सम्मान वा गुरु शंकराचार्य मंडन मित्र जी के साथ शास्त्र हो रहा था तब निर्णायक की भूमिका मंदन मिश्र जी की पत्नी भारती जी ही कर रही थी।
उन्होंने वर्तमान सरकार की तमाम योजनाएं जैसे जनधन योजना, गरीबों को मकान, गरीबों को अन्ना,शौचालय उज्जवला योजना आयुष्मान कार्ड सोलर आदि की चर्चा की जो गरीबों को सीधे दी जा रही है। उन्होंने मतदान का प्रयोग कर लोकतंत्र को मजबूत करने हेतु प्रबुद्धजनों को प्रेरित किया।
उन्होंने कहा सशक्त सरकार ही लोकतंत्र को मजबूत कर हिंदुस्तान को परम वैभव पर ले जा सकती है। अंत में महासमिति के महासचिव डॉ राघवेंद्र शुक्ल ने प्रबुद्ध जनों की मांग को ध्यान में रखते हुए आग्रह किया है कि महासमिति के अगले प्रबुद्ध जन सम्मेलन में पूर्ण धन्यवाद महासमिति की तरफ से उन्हें देंगे।