लखनऊ। हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना के 11 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर “स्थापना दिवस कार्यक्रम” तथा हेल्प यू ट्रस्ट, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्रके संयुक्त तत्वावधान में सांस्कृतिक कार्यक्रम “धरोहर” का आयोजन सी एम एस ऑडिटोरियम, गोमती नगर में किया गया।
हेल्प यू ट्रस्ट के 11वें स्थापना दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम “धरोहर” आयोजित
कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान तथा मुख्य अतिथि ब्रजेश पाठक (उप मुख्यमंत्री), हर्ष वर्धन अग्रवाल, (संस्थापक एवं प्रबंध न्यासी, हेल्प यू ट्रस्ट) तथा डॉ रूपल अग्रवाल ( न्यासी, हेल्प यू ट्रस्ट), ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण ने दीप प्रज्वलन करके किया।
मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सहित हर्ष वर्धन अग्रवाल, डॉ.रूपल अग्रवाल, ट्रस्ट की आतंरिक सलाहकार समिति के सदस्यगण ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की विवरण पुस्तिका का विमोचन किया जिसमें ट्रस्ट के गत 11 वर्षों के कार्यों का विवरण है।
हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा विगत 11 वर्षों में ट्रस्ट को महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करने वाली 7 विभूतियों का हेल्प यू सम्मान तथा वैश्विक महामारी कोरोना काल में बहुमूल्य सहयोग प्रदान करने हेतु 119 कोरोना वॉरियर्स का सम्मान किया गया।
हेल्प यू सम्मान से सम्मानित विभूतियां
डॉ जगदीश गाँधी (फाउंडर मैनेजर, सिटी मांटेसरी स्कूल), डॉ तूलिका चंद्रा, (विभागाध्यक्ष, ट्रांसफ्यूजन विभाग, केजीएमयू), जोनल मैनेजर बैंक ऑफ़ इंडिया, जोनल मैनेजर पंजाब नेशनल बैंक, योगेश नारायण माथुर (अधिवक्ता, फैमिली कोर्ट, डॉ संजय कुमार राणा, होमोपैथी चिकित्सक, डॉ अलका निवेदन, ( प्राचार्या, भारतीय विद्या भवन गर्ल्स पी जी कॉलेज)
इस मौके पर हेल्प यू ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी हर्ष वर्धन अग्रवाल ने कहा कि यह कहना उचित होगा कि हेल्प यू ट्रस्ट को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश में जनसेवा के क्षेत्र में एक नई पहचान मिली। यह आप सभी का आशीर्वाद है कि हेल्प यू ट्रस्ट निरंतर ही जनसेवा तथा समाज सेवा के कार्यों में कार्य कर रहा है।
ये भी पढ़े : जहां ख़ामोश रहना था वहां इज़हार कर बैठे, वहां ख़ामोश बैठे हैं जहां इज़हार होना था
इसके साथ ही देश के सभी राज्यों की राजधानियों तथा अन्य देशो में ट्रस्ट के कार्यालय स्थापित कर जनहित के कार्यों को और विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है जिससे हम सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में जनहित के कार्यों में अपना योगदान दे सकें।
हेल्प यू ट्रस्ट की न्यासी डॉ.रूपल अग्रवाल ने हेल्प यू सम्मान से नवाजे गए सभी विभूतियों तथा हेल्प यू कोरोना वॉरियर्स से सम्मानित महानुभावों को बधाई दी।
इसके साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम “धरोहर” में ट्रस्ट के पूर्व संरक्षक पद्माभूषण स्वर्गीय गोपाल दास नीरज, पद्माश्री स्वर्गीय अनवर जलालपुरी तथा वर्तमान संरक्षक पद्माश्री अनूप जलोटा की रचनाओं, गीतों, शायरी तथा भजनों की प्रस्तुति प्रदीप अली, आकांक्षा सिंह, मल्लिका शुक्ला ने की।
रतीय सभ्यता और संस्कृति को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत भाव नृत्य राम भी रहीम भी, अवधी नृत्य नाटिका वैदेही के राम, महारास, राजस्थानी लोक नृत्य घूमर, की प्रस्तुति उर्मिला पाण्डेय ग्रुप द्वारा की गयी।
मल्लिका शुक्ला की प्रस्तुति –
- अनूप जलोटा का भजन – जय गणपति वंदन गणनायक….
प्रदीप अली की प्रस्तुति –
- गोपाल दास नीरज जी के गीत – दिल आज शायर है गम आज नगमा है,….
- अनवर जलालपुरी जी की ग़ज़ल – मयकदे से, दैर से, काबा से रखसत हो गए…., हवा हो तेज तो शाखों से पत्ते टूट जाते है…
आकांक्षा सिंह की प्रस्तुति –
- गोपाल दास नीरज जी के गीत – जैसे राधा ने माला जपी श्याम की…
- उर्मिला पाण्डेय ग्रुप – भाव नृत्य राम भी रहीम भी
- हमारी भारतीय संस्कृति ने हमेशा ही राष्ट्रीय भाईचारे और सौहार्द को बढ़ावा दिया है । राष्ट्रीय भाईचारे और सौहार्द्र को समर्पित भाव नृत्य शीर्षक राम भी रहीम भी प्रस्तुत किया।
- कलाकार- रॉनी सिंह, प्रेक्षा श्रीवास्तव, ज्योति शुक्ला, मलखान सिंह
अवधी नृत्य नाटिका वैदेही के राम
- श्री राम तथा माता सीता इनके मिलन की ही गाथा है ये नृत्य नाटिका वैदेही के राम। प्रभु श्री राम जब महर्षि विश्वामित्र के साथ मिथिला नगरी पहुँचे और वहाँ की पुष्प वाटिका में देवी सीता और श्री राम एक दूसरे को देख मंत्र मुग्ध हो गए। अंततः प्रभु श्री राम ने स्वयंवर में रखे शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा कर राजकुमारी सीता से विवाह किया।
- कलाकार – रॉनी सिंह, ज्योति शुक्ला, उर्मिला पांडेय, अपर्णा विजय, मलखान सिंह, मौसमी, दीपिका भट्ट एवम् शिल्पा।
महारास
- राधा कृष्ण और गोपियों द्वारा किया जाने वाला आनंदमयी तथा सौंदर्यवर्धक नृत्य रास कहलाता है। लीलापुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण ने शरद पूर्णिमा की रात में छः महीने की रातों को एक कर ब्रजभूमि के कुंज में सर्वप्रथम यह नृत्य किया था ।
नृत्य की बंदिशों के साथ भाव भंगिमाओं तथा डांडिया नृत्य का उच्चतम प्रयोग रास के अंतर्गत देखने को मिलता है। इसमें श्रृंगार रस की प्रधानता होती है तथा यह राधा कृष्ण के प्रेम से परिपक्व नृत्य शैली मानी जाती है।
आज की इस रासलीला में सर्वप्रथम बाल कृष्ण तत्पश्चात युवा कृष्ण एवम् राधा रानी का नृत्य प्रस्तुत किया ।
- कलाकार- रॉनी सिंह, प्रेक्षा श्रीवास्तव, बॉर्नव प्रतिमनाथ, इशिका श्रीवास्तव, आरोही एवम् विदुषी
राजस्थानी लोक नृत्य घूमर
- घूमर और राजस्थान दोनो एक दूसरे के पर्याय हैं और घूमर राजस्थान का सर्व जन प्रिय लोक नृत्य है। यह नृत्य महिलाओं द्वारा किया जाता है। किसी भी मांगलिक अवसर एवम् उत्सव में घूमर नृत्य अति आवश्यक रूप से नाचा जाता रहा है।
- कलाकार- उर्मिला पांडेय, प्रेक्षा श्रीवास्तव, अपर्णा विजय, ज्योति शुक्ला, शिल्पा, दीपिका भट्ट एवम् मौसमी