नई दिल्ली: भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने सब-जूनियर कटेगरी के लिए मशहूर कोच जॉन वारबर्टन की मुख्य कोच के रूप में नियुक्ति की घोषणा की है।
बीएफआई और जेएसडब्ल्यू के बीच ग्रासरूट स्तर पर भारतीय मुक्केबाजी के विकास के उद्देश्य से हुई एक रणनीतिक साझेदारी के तहत वारबर्टन को नियुक्त किया गया है। एक बेहद अनुभवी और कुशल कोच वारबर्टन के आने से भारतीय मुक्केबाजी में विकास के नए रास्ते खुलेंगे।
वारबर्टन के पास लगभग चार दशकों का कोचिंग अनुभव है। वह 1984 से इंग्लिश मुक्केबाजी जगत में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने इंग्लैंड की सीनियर पुरुष टीम के साथ अपने काम के माध्यम से पहचान और सम्मान प्राप्त किया है, जहां उन्होंने ऑडली हैरिसन, आमिर खान, जेम्स डेगले, डेविड हे और कार्ल फ्रॉच जैसे ओलंपिक और विश्व पदक विजेता खिलाड़ियों के साथ काम किया है।
सब-जूनियर कैटेगरी में मुख्य कोच के रूप में जॉन वारबर्टन युवा भारतीय मुक्केबाजों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। साल 2010 में जॉन वारबर्टन यूथ डेवलपमेंट एवं परफॉर्मेंस कोच के रूप में इंग्लैंड की राष्ट्रीय टीम में शामिल हुए।
वहां उन्होंने युवा प्रतिभाओं को नर्चर करने और उनके विकास को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। अपने पूरे कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई मुक्केबाजों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,
जो राष्ट्रमंडल खेलों, यूरोपीय और विश्व चैंपियनशिप के साथ-साथ ओलंपिक जैसे प्रतिष्ठित खेल इवेंट्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए ग्रेट ब्रिटेन पाथवे से सफलतापूर्वक आगे बढ़े।
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भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के महासचिव हेमंता कालिता ने कहा, “हम बीएफआई में युवा प्रतिभाओं को नर्चर करने के लिए श्री वारबर्टन को अपने साथ पाकर बेहद गौरवान्वित और खुश महसूस कर रहे हैं। हम जानते हैं कि हमारे एथलीटों को वारबर्टन के करियर के विशाल अनुभवों से काफी लाभ मिलेगा।
बीएफआई में हमारा मिशन न केवल भारतीय मुक्केबाजी के शीर्ष स्तर पर काबिज खिलाड़ियों के एक्सीलेंस को प्रोत्साहित करना है बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि ग्रासरूट स्तर पर भी हमारे एथलीट समान स्तर का प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें।
हम ग्रासरूट से अधिक से अधिक प्रतिभाओं का पता लगाकर एक मजबूत टैलेंट पूल तैयार करना चाहते हैं।” बीएफआई युवा मुक्केबाजों को सर्वश्रेष्ठ ट्रेनिंग और मदद प्रदान करने, उनके समग्र विकास को सुनिश्चित करने और ग्लोबल स्टेज पर चैंपियन बनने की उनकी यात्रा को सुगम और सुविधाजनक बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
वर्तमान में वारबर्टन जेएसडब्ल्यू के इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट में मुक्केबाजी के प्रमुख हैं। इस इंस्टीट्यूट में उन्होंने मंजू बम्बोरिया, मनीषा मौन और निशांत देव सहित कई होनहार भारतीय मुक्केबाजों के साथ भी काम किया है। वारबर्टन की विशेषज्ञता और मार्गदर्शन ने उनके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वारबर्टन का बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड राष्ट्रीय टीमों और संस्थानों के साथ उनके काम से परे है। वारबर्टन ने इंग्लैंड में कई मुक्केबाजों को नर्चर किया है और उन्हें शीर्ष स्तर पर चमकने के लिए तैयार किया है। वारबर्टन के ज्ञान और मेहनत का नतीजा है कि कई एथलीट पेशेवर विश्व चैंपियनशिप तक पहुंच सके हैं।
वारबर्टन द्वारा प्रशिक्षित मुक्केबाजों में कैलम स्मिथ और एंटनी बेलेव के नाम शामिल हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी मंच पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है।
स्पोर्ट्स कोचिंग में मास्टर ऑफ साइंस (एमएससी) की डिग्री से लैस वारबर्टन मुक्केबाजी के क्षेत्र में लगातार सीखने और आगे बढ़ने के लिए अपने डेडिकेशन के लिए जाने जाते हैं। वह अप्लाइड स्पोर्ट और एक्सरसाइज साइंस में डॉक्टरेट की डिग्री पूरी करने के करीब है।