राष्ट्र सेवा और मानवता के प्रति समर्पित स्वर्गीय कर्नल श्रीनिवास शुक्ल को द्वितीय पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई

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लखनऊ : स्वर्गीय कर्नल (रिटायर्ड) श्रीनिवास शुक्ल अपने 36 वर्षों की शानदार सैन्य सेवा के दौरान सरहद पर देश के दुश्मनों से न केवल दो दो हाथ किए बल्कि इस जाबांज ने दुश्मनों के बुरे मनसूबों पर पानी भी फेर दिया।

कर्नल शुक्ल ने चार युद्धों – वर्ष 1962 में भारत -चीन , वर्ष 1965 एवं 1971 में भारत – पाक और 1988 में श्रीलंका में चलते गए ऑपरेशन पवन के दौरान अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया।

स्वर्गीय कर्नल (रिटायर्ड) श्रीनिवास शुक्ल वर्ष 1992 मैं सेवानिवृत्त होने के बाद वे सामाजिक और मानवीय सेवा से जुड़ गए। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा और किसानी को समर्पित कर दिया था।

इसी दौरान मानवीय सेवा व सामाजिक उत्थान के प्रति समर्पित कर्नल शुक्ल ने 3 सितंबर 2020 को, ग्राम – महेवा नानकार में अपने पैतृक घर में एक स्ववित्त पोषित संस्थान सैनिक परमार्थ चिकित्सालय की स्थापना की जो कि एक संगठित टीम द्वारा चलाया जाता है।

इसका उद्देश्य स्वास्थ्य देख भाल में निस्वार्थ सेवा प्रदान कर के समाज की भलाई में सार्थक योगदान देना है । इस संस्थान का आदर्श वाक्य है – सर्वे भवंतु सुखिनः अर्थात – सभी सुखी व निरोग रहें। यह सैनिक परमार्थ चिकित्सालय संस्थान एक ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत है।

चिकित्सालय में बढ़ती रोगियों की संख्या को देखते हुए उन्होंने गांव से बाहर अपनी जमीन पर एक क्लिनिक बनाने का फैसला किया , और 15 मार्च 2021 को इस क्लिनिक का शुभारंभ किया । यह वह समय था जब कोविड महामारी का प्रकोप अपने चरम स्थिति पर था।

निःस्वार्थ सेवा प्रदान करते हुए संस्थापक कर्नल श्रीनिवास शुक्ला स्वयं इस महामारी के चपेट में आ गए और 01 जून 2021 को उनका स्वर्गवास हो गया ।

मानवता एवं समरसता के धनी तथा गरीबों के लिए सदैव तत्पर रहनेवाले स्वर्गीय कर्नल शुक्ल के द्वितीय पुणयतिथि पर उनके सम्मान में 1 जून को सैनिक परमार्थ चिकित्सालय, महेवा नानकार में उनके पुत्र कर्नल बिपिन शुक्ल और श्री अनिल शुक्ल द्वारा पूजन समारोह तथा भंडारे का आयोजन किया गया।

इस दौरान जरूरतमंदों को निःशुल्क स्वास्थ्य जांच एवं दवाइयां वितरित की गई। आगे आने वाले दिनों में भी इस संस्थान द्वारा सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में अशिक्षित वर्ग को जानकारी मुहैय्या करवाई जाएगी।

इसके साथ ही भौतिक चिकित्सा (फिजियो थेरेपी) और व्यावसायिक चिकित्सा (ऑक्यूपेशनल थेरेपी) के निःशुल्क शिविर भी लगाए जायेंगे।

इसके अलावा यह सैनिक परमार्थ चिकित्सालय संस्थान युद्ध विधवाओं, विकलांग सैनिकों, अन्य नागरिक जो अंग हानि के कारण विकलांग हैं, मानसिक रूप से मंद, मूक और बधिर हैं उन तक पहुंच कर उन्हें निःशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराता है । इस संस्थान का उद्देश्य जरूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान और खुशी लाना है।

इस दौरान एक एनसीडी (गैर संचारी रोग) और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। इस कैंप का संचालन क्लिनिक काउंसलर डॉ ज्योति शर्मा ने किया। कैंप में रोगियों की काउंसलिंग विशेष रूप से महिला लाभार्थियों कि गई और उनमें ओसीडी (जुनूनी बाध्यकारी विकार) और मासिक धर्म चक्र से संबंधित मामले पाए गए।

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