डॉ आशुतोष पांडे ने रेग्युलेटरी प्रोटीन की पहचान पर दिया जोर 

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लखनऊ।  इस वर्ष, सीएसआईआर-केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान, लखनऊ में कोविड परिदृश्य के कारण राष्ट्रीय विज्ञान दिवस वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से मनाया गया।

इस अवसर पर, जैव प्रौद्योगिकी विभाग-राष्ट्रीय पादप जीनोम अनुसंधान संस्थान (डीबीटी-एनआईपीजीआर), नई दिल्ली के वैज्ञानिक डॉ आशुतोष पांडे ने पौधों में मेटाबॉलिक इंजीनियरिंग ऑफ फ्लेवोनोइड बायोसिंथेसिस पर विज्ञान दिवस व्याख्यान दिया।

डॉ आशुतोष पांडे ने ‘मेटाबॉलोमिक्स फॉर अंडर्सटैंडिंग इंट्रिकसीस ऑफ प्लांट स्पेशलाइज़्ड मेटाबॉलिज़्म एंड डेवेलपमेंट ऑफ वैल्यू एडेड क्रॉप्स’ पर अपना व्याख्यान देते हुए प्लांट स्पेशलाइज्ड मेटाबॉलिज्म के आणविक आधार की समझ और प्लांट स्पेशलाइज्ड मेटाबोलाइट्स के अवयव में वृद्धि के लिए पौधों के मेटाबॉलिक इंजीनियरिंग में उनके उपयोग की जानकारी दी।

सीएसआईआर-सीमैप ने वर्चुअल मोड में मनाया राष्ट्रीय विज्ञान दिवस

उन्होंने रेग्युलेटरी प्रोटीन की पहचान पर भी जोर दिया जो कि फ्लेवोनोइड के विभिन्न वर्गों जैसे फ्लेवोनोल, एंथोसायनिन और प्रोएंथोसायनाइड्स के बायोसिंथेसिस को नियंत्रित करता है। ऐसे प्रतिलेखन कारकों की पहचान स्वास्थ्य-लाभकारी फ्लेवोनोइड्स में समृद्ध ट्रांसजेनिक मूल्य वर्धित केले को विकसित करने में उपयोगी होगी।

डॉ आशुतोष पांडे को 2018 में इंडियन नेशनल यंग एकेडमी ऑफ साइंसेज (INYAS) (प्लांट साइंसेज), इनसा मेडल फॉर यंग साइंटिस्ट (2017), एवं अलेक्जेंडर वॉन हंबोल्ट फाउंडेशन, जर्मनी द्वारा अलेक्जेंडर वॉन हंबोल्ट पोस्ट डॉक्टरल रिसर्च फेलोशिप (2016) प्रदान की गई है।

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सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक, डॉ प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने मुख्य अतिथि एवं समारोह में भाग लेने वाले अन्य प्रयोगशालाओं के गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। अपने स्वागत भाषण में उन्होंने एनआईपीजीआर के डॉ आशुतोष द्वारा किए गए शोध कार्यों से दर्शकों को अवगत कराया, जो कि युवा शोधार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुका है।

विज्ञान दिवस समारोह का समापन सीएसआईआर-सीमैप के प्रधान वैज्ञानिक, डॉ संजय कुमार के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ आभा मीणा व डॉ आकांशा सिंह ने किया। वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम से विज्ञान दिवस समारोह में 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।

बताते चले कि हर वर्ष, 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस ‘रमन प्रभाव’ की खोज करने के लिए मनाया जाता है जिसके कारण प्रो. सी. वी. रमन को नोबेल पुरस्कार मिला। इस वर्ष का राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2022 का थीम ‘इंटीग्रेटेड एपरोच इन साइंस एंड टेक्नॉलॉजी फॉर सस्टेनेबल फ्यूचर’ है।

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