सीएसआईआर-सीडीआरआई लखनऊ में होगी आरवाईआईएम की महत्वपूर्ण बैठक 

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लखनऊ: सीएसआईआर-सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ, क्षेत्रीय युवा शोधकर्ताओं की बैठक (आरवाईआईएम) 2023−2024 की मेजबानी करने जा रहा है। कार्यक्रम का आयोजन इंडिया बायोसाइंस और स्थानीय आयोजन समिति द्वारा किया जा रहा है।

यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम 13 सितंबर से 15 सितंबर तक तीन दिनों तक सीएसआईआर-सीडीआरआई लखनऊ के परिसर में आयोजित होगा।

इस आयोजन का विषय है “एक अनुसंधान समुदाय के निर्माण की ओर; सम्मिलन, सहयोग और संपन्न” आरवाईआईएम की शुरुआत इंडिया बायोसाइंस द्वारा क्षेत्रीय सहयोग और परिवर्तन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वैज्ञानिकों और विज्ञान प्रोफेशनल्स के स्थानीय नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए की गई थी।

इस कार्यक्रम मे अंतिम वर्ष के पीएचडी अनुसंधानकर्ता, पोस्टडॉक्टरल फेलो, शिक्षक सदस्य, युवा प्रमुख अनुसंधानकर्ता, स्वतंत्र अनुसंधानकर्ता, और प्रारंभिक करियर के अनुसंधानकर्ता आदि लोग भाग ले रहे हैं।

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मीटिंग का मुख्य उद्देश्य युवा वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के बीच आदर्श और दृष्टिकोणों का साझा करना, ज्ञान आदान-प्रदान और कौशल विकास को प्रोत्साहित करना है।

मीटिंग में एक विशेष सत्र भी शामिल होगा जिसमें स्थानीय संस्थानों में मौजूद कोर सुविधाओं का प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमे मूल्यवान संसाधनों के बारे में जागरूकता बढ़ाने एवं उनका उचित उपयोग करने की प्रोत्साहित किया जाएगा।

इंडियाबायोसाइंस आरवाईआईएम के लिए पंजीकृत इच्छुक पीएचडी शोधकर्ताओं और पोस्टडॉक्टोरल फेलो के लिए 15 सितंबर को सीएसआईआर-सीडीआरआई, लखनऊ में क्राफ्टिंग योर करियर (सीवाईसी) कार्यशाला भी आयोजित करेगा।

आरवाईआईएम मीटिंग में केंद्रित कार्य:
  1. अंतरक्रियाओं को बढ़ावा देना: क्षेत्र में यंग इन्वेस्टिगेटर्स (YIs) के बीच जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए संवादनात्मक अनुसंधान को सुनिश्चित करना
  2. मानव संसाधन विकास: अनुसंधान समूह को प्रभावी ढंग से नेतृत्व और प्रबंधन के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना
  3. वित्त प्रबंधन के अवसर: अनुसंधान परियोजनाओं के लिए लाभकारी ग्रांट लेखन एवं परियोजना निधि के अवसरों के बारे में मूल्यवान दृष्टिकोण प्रदान करना
  4. कोर सुविधाओं की प्रदर्शनी: अनुसंधानकर्ताओं के लिए उपलब्ध श्रेष्ठ कोर सुविधाओं का प्रदर्शन करना।
  5. समस्याओं का निराकरण: पहले करियर के शोधकर्ताओं द्वारा किए जाने एवं सामने आने वाले चुनौतियों का पता लगाना।
  6. नवाचार की दिशा में: वैज्ञानिक अनुसंधान में नवाचारी विचार और दृष्टिकोणों को प्रोत्साहित करना।
  7. सहयोग स्थापित करना: फलदायक सहयोग स्थापना और बनाए रखने की कला की खोज करना।

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