देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद के लिए पुष्कर सिंह धामी केे नाम पर मुहर लगने के साथ अब उनके शपथग्रहण की तारीख भी सामने आ गयी है। इस बारे मे जानकारी के अनुसार शपथ ग्रहण 23 मार्च यानि बुधवार को देहरादून के परेड ग्राउंड में दाेपहर 3:30 बजे होगा।
इस दौरान पुष्कर सिंह धामी एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और उनके साथ उत्तराखंड की नई कैबिनेट भी शपथ लेगी। जानकारी के अनुसार इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता भी मौजूृद रहेंगे। इससे पहले सोमवार को देहरादून में विधान मंडल दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लगी थी।
लगातार दूसरा कार्यकाल पाने वाले उत्तराखंड के दूसरे मुख्यमंत्री
उत्तराखंड के अब तक सबे कम उम्र के मुख्यमंत्री धामी इस राज्य में मुख्यमंत्री का लगातार दूसरा कार्यकाल पाने वाले दूसरे मुख्यमंत्री होंगे। धामी पिछले साल 2021 में चार जुलाई को तीरथ सिंह रावत की जगह उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री बने थे।
ऊधमसिंह नगर की खटीमा सीट से विधायक रहे धामी को इस बार इसी सीट पर कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने शिकस्त दी थी। हालांकि धामी को 6 माह के अंदर चुनाव जीतकर विधायक बनना होगा।
धामी की कैबिनेट को लेकर लग रही है अटकलें
दूसरी ओर धामी की कैबिनेट में कौन-कौन होगा इस पर भी अटकले लग रही है। ये कहा जा रहा है कि इस दौरान आठ से दस मंत्री भी शपथ ले सकते हैं और कैबिनेट में अधिकतम 11 मंत्री रह सकते हैं।
Uttarakhand CM-designate Pushkar Singh Dhami will take oath as the CM on March 23rd at 3.30pm, along with him, the cabinet will also be administered the oath. The swearing-in ceremony will be held at Parade Ground in Dehradun. pic.twitter.com/6oOoSlv5ZX
वैसे ये कहा जा रहा है कि कैबिनेट में तीन नए चेहरे हो सकते है क्योंकि पिछली कैबिनेट के मंत्री रहे यशपाल आर्य, हरक सिंह रावत और यतीश्वरानंद इस बार साथ् नहीं है। इसमें हरक व यशपाल अब कांग्रेस में हैं और यतीश्वरानंद हार गए थे।
अटकलाें के अनुसार हरिद्वार विधायक और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ, बागेश्वर विधायक चंदन राम दास, ऋषिकेश विधायक प्रेमचंद अग्रवाल, कोटद्वार विधायक ऋतु भूषण खंडूड़ी दावेदार हो सकते है।
हालांकि मुख्यमंत्री पद के दावेदार पुष्कर सिंह धामी ख़ुद अपनी सीट नहीं बचा पाए थे। पुष्कर धामी को अब 6 महीने के अंदर चुनाव जीतकर विधायक बनना होगा, क्योंकि वह खटीमा से अपना चुनाव हार गए हैं।