किसान बंधुओं से आग्रह, बीज शोधन के बाद ही करें गन्ना बुवाई

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लखनऊ। भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के वैज्ञानिकों द्वारा गन्ना बीज उत्पादन, एकीकृत कीट एवं रोग प्रबंधन” विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन कोटवाधाम, जिला बाराबंकी में किया गया।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 200 से अधिक अनुसूचित जाति के गन्ना किसानों को गन्ना बीज उत्पादन, एकीकृत कीट एवं रोग प्रबंधन के लिए संस्थान के वैज्ञानिकों ने अलग-अलग तकनीकों के द्वारा नियंत्रित करने के लिए विस्तृत जानकारी दी।

कार्यक्रम में डॉ. आर. विश्वनाथन निदेशक, डॉ. दिनेश सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. महाराम सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. वेद प्रकाश सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. बरसाती लाल, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. कामता प्रसाद, प्रधान वैज्ञानिक ने किसानों को गन्ना बीज उत्पादन, कीट एवं रोग प्रवंधन के साथ-साथ अन्तःफसली खेती को अपनाने पर जो दिया।

डॉ. कामता प्रसाद, प्रधान वैज्ञानिक ने कार्यक्रम का संचालन किया। भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. आर. विश्वनाथन ने देश में गन्ना उत्पादन के परिदृश्य का संक्षिप्त में बताने के साथ-साथ गन्ना बीजशोधन पर भी प्रकाश डाला और किसान बंधुओं से आग्रह किया कि गन्ना बुवाई बीज शोधन के उपरांत ही करे।

डॉ. दिनेश सिंह विभागाध्यक्ष, फसल सुरक्षा ने किसानों को गन्ना उत्पादन में लगने वाली विभिन्न बीमारियों एवं उनके रोकथाम के बारे में बताया।

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डॉ. महाराम सिंह ने बताया कि फसलों में लगने वाले कीटों को कैसे कम से कम रासायनिक दवाओं का प्रयोग करके नियंत्रित किया जा सकता है, रोजागाँव चीनी मिल के गन्ना विभागाध्यक्ष श्री हरदयाल सिंह ने किसानों को गन्ना विकास एवं खरीद के सम्बन्ध में जानकारी दी।

विलोकी नाथ तिवारी, सहायक गन्ना प्रबंधक, अनिल कुमार सिंह, सुनील कुमार शुक्ला, कृष्णकान्त यादव आदि ने कार्यक्रम में सहयोग करते हुए कृषकों को अमदनी बढ़ाने हेतु प्रेरित किया। डॉ. कामता प्रसाद ने किसानों को गन्ना की विभिन्न क़िस्मों के साथ अन्तःफसली खेती से संबन्धित विस्तृत जानकारी दी और आखिर में धन्यवाद भी ज्ञपित किया।

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