एएमआर चुनौतियों से निपटने में वैज्ञानिक समुदाय तथा भावी पीढ़ियों की भूमिका पर मंथन

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लखनऊ। विश्व एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) जागरूकता सप्ताह के उपलक्ष्य में, सीएसआईआर-सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ ने छात्र-वैज्ञानिक कनेक्ट कार्यक्रम, जिज्ञासा के तहत एक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय विद्यालय, सीआरपीएफ, बिजनौर के 50 छात्र एवं तीन टीचर्स ने भाग लिया।

जिज्ञासा पहल के तहत, सीएसआईआर-सीडीआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संजीव यादव ने जिज्ञासु छात्रों का स्वागत किया एवं एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) के महत्वपूर्ण मुद्दे पर जोर देते हुए औषधि अनुसंधान एवं विकास में संस्थान के कार्यों का विवरण दिया।

डॉ. संजीव ने एएमआर चुनौतियों से निपटने में वैज्ञानिक समुदाय तथा भावी पीढ़ियों की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होने छात्रों से दवा विकास में करियर तलाशने का आग्रह किया।

मॉलिक्यूलर माइक्रोबायोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी (एमएमआई) विभाग में जहां डॉ वाई के मंजू और डॉ सिद्धार्थ चोपड़ा ने छात्रों के साथ बातचीत की और छात्रों को एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध और इसके कारणों और परिणामों के बारे में बताया।

प्रयोगशाला दौरे पर छात्रों को सीएसआईआर-सीडीआरआई में किए जा रहे अत्याधुनिक कार्यों को देखने का अवसर मिला। छात्रों ने बायोकैमिस्ट्री और स्ट्रक्चरल बायोलॉजी (बीएसबी) विभाग का दौरा किया, जहां छात्रों ने डॉ. समन हबीब एवं अन्य वैज्ञानिकों के साथ बातचीत की।

छात्रों के लिए दौरे का एक मुख्य आकर्षण प्रयोगशाला जन्तु सुविधा की प्रयोगशाला का दौरा था, प्रयोगशाला जन्तु सुविधा के तकनीकी अधिकारी चंद्रशेखर यादव और समर ने अपने दौरे के दौरान अनुसंधान के लिए आवश्यक विभिन्न जन्तु मॉडलों का प्रदर्शन किया। छात्रों ने वैज्ञानिक अनुसंधान में प्रयोगशाला जन्तु के नैतिक और जिम्मेदार उपयोग में मूल्यवान जानकारी प्राप्त की।

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