ग्रीनप्लाई इंडस्ट्रीज यूपी के बाजार में रणनीतिक निवेश पर करेगी फोकस

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लखनऊ। ग्रीनप्लाई इंडस्ट्रीज लिमिटेड इंडियन प्रीमियर लीग में यूपी की अब तक की पहली टीम लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ एसोसिएट पार्टनर बन गयी। इस दौरान लखनऊ में हुई प्रेेस कांफ्रेस में कंपनी के अधिकारियों ने  अपनी बिजनेस की रणनीति के बारे में खुलासा किया।

ग्रीनप्लाई इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक राजेश मित्तल ने कहा कि उत्तर प्रदेश मूल्य के हिसाब से दूसरा सबसे बड़ा प्लाईवुड बाजार है, इसलिए यह गठजोड़ ग्रीनप्लाई को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपने ब्रांड और व्यापार की उपस्थिति बढ़ाने में मदद करेगा।

ग्रीनप्‍लाई इंडस्‍ट्रीजलिमिटेड प्लाइवुड, डेकोरेटिव वेनीर्स, फ्लश डोर और अन्य संबद्ध उत्पादों की व्यापक रेंज के निर्माण और विपणन का 30 वर्षों से ज्यादा का अनुभव रखने वाली भारत की सबसे बड़ी इंटीरियर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है। उन्होंने आगे कहा कि ब्रांडेड उत्पादों के प्रति उपभोक्ता पैटर्न में एक गतिशील बदलाव आया है।

इसलिए हम उत्तर प्रदेश के बाजार में विकास की बहुत अधिक क्षमता देखते हैं। हमारी तीन नई निर्माण इकाइयां इस बाजार में प्लाइवुड और संबद्ध उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करेंगी और राष्ट्रीय स्तर पर हमारे व्यापार संचालन को बढ़ाने में हमारी मदद करेंगी।

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उत्तर प्रदेश हमारे लिए एक आदर्श निवेश गंतव्य है क्योंकि वर्तमान परिदृश्य में भी यह बाजार हमारे व्यवसाय के लिए तीसरा सबसे बड़ा मूल्य योगदानकर्ता है।

ग्रीनप्लाई इंडस्ट्रीज लिमिटेड के संयुक्त प्रबंध निदेशक तथा सीईओ मनोज तुलसियान ने बताया कि उत्तर प्रदेश में एक राज्य के लिए 5 साल का सर्वोच्‍च सीएजीआर विकास होने का अनुमान  है और यह मूल्य के अनुसार दूसरे सबसे बड़े प्लाईवुड बाजार के रूप में कार्य करता है।

चूंकि उत्तर प्रदेश एक बढ़ता हुआ बाजार है, ग्रीनप्लाई राज्य में लगभग 200 करोड़ रुपये निवेश करके अपनी प्लाईवुड और संबद्ध उत्पादों की क्षमता का विस्तार कर रहा है। इसके साथ यूपी के हरदोई में कंपनी संडीला औद्योगिक क्षेत्र में एक निर्माण इकाई स्थापित कर रही है जो इसका स्वयं का निर्माण होगा।

इसके अलावा एक यूनिट हापुड़ में और दो यूनिट बरेली में साझेदारी के जरिए लगाई जाएगी। इन इकाइयों की संयुक्त क्षमता 31 मिलियन वर्ग मीटर प्रति वर्ष होगी। इन इकाइयों के जरिये कंपनी का लक्ष्य लगभग 550 करोड़ रुपये तक का राजस्व उत्पन्न करना है। ये इकाइयाँ लगभग 1600 कुशल/अकुशल श्रमिक रोजगार प्रदान करके आजीविका उत्पन्न करने में मदद करेंगी।

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