लखनऊ। श्री शिव श्याम मंदिर समिति की ओर से हाता राम दास सदर कैण्ट मे चल रही श्रीमद्भागवत कथा में मंगलवार को को नैमिषारण्य धाम के आचार्य सुधीर कृष्ण शास्त्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मानव को ईश्वर की अनुभूति कराने में समर्थ है।
जीवन में संकट आए तो कृष्ण चरणों का आश्रय ले भगवान से नहीं मांगे अपितु भगवान को मांगे। आचार्य ने कहा कि महाभारत में कौरव ने भगवान की सेना मांगी और पांडवों ने श्री कृष्ण को श्री कृष्ण जहा है विजय वहीं है।
परीक्षित की गर्भ में रक्षा के लिए भगवान ने अंगुष्ठ मात्र का स्वरूप धारण किए भक्त के कल्याण के लिए ही प्रभु अवतार धारण करते हैं और जीवन में धर्म तभी धारण कर सकते जब आप सत्य को धारण करे क्योंकि-धर्म दुसर सत्य समाना…, बाद में एक भजन इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले…, भजन सुनाया।
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तो सभी झूमने लगे। आचार्य ने कहा कि हर अवस्था में प्रभु की स्मृति बनी रहे क्योंकि कलयुग का प्रभाव बढ़ रहा है।
कथा के बाद राजेन्द्र कुमार पाण्डेय गुरुजी, यजमान मनोज गर्ग, पत्नी सुमन गर्ग, मधुर गर्ग और मिहिर गर्ग ने व्यासपीठ की आरती की।