कौशल-उद्यमिता विकास पर महाराष्ट्र के 44 किसानों ने लिया प्रशिक्षण, कार्यशाला का समापन

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महाराष्ट्र से आए 44 किसानों के लिए आयोजित पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अमृतेश शुक्ला की उपस्थिति मे सीमैप मे आयोजित किया गया।

औषधीय एवं सगंध फसलों की खेती, प्रसंस्करण और उद्यमिता के अवसरों पर आधारित प्रशिक्षण सत्र मे सीमैप के वैज्ञानिको ने पाच दिन मे आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण नीबूघास, पामरोजा, तुलसी, जिरेनियम, अश्वगंधा आदि फसलों की कृषि तकनीकियों के साथ गुलाबजल, अगरबत्ती, धूप, केचुआ खाद जैसी प्रौद्योगिकियों का भी सजीव प्रदर्शन कराया गया।

सीएसआईआर के एरोमा मिशन की सहयोगी परयोजना तहत महराष्ट्र के कृषि विभाग द्वारा पुरुषकृत परयोजना मे महाराष्ट्र के किसानों को प्रशिक्षित किया गया। समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफेसर अमृतेश शुक्ला ने उपस्थित प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया एवं शुभकामनायें दी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के परियोजना अन्वेषक डॉ. ऋषिकेश ने भिसे ने कार्यक्रम की रूपरेखा सामने राखी। मंच पर सीमैप के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. वी. आर. सिंह तथा वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजेश वर्मा, डॉ मनोज सेमवाल, डॉ. आर. एस. शर्मा उपस्थित थे।

कार्यक्रम का आभार डॉ. आर. के. श्रीवास्तव द्वारा किया गया। प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर भविष्य मे औषधीय एवं सुगंधित फसलों के क्षेत्र मे आगे बढ्ने की शुभकामनायें दी गई।

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