वीर जवानों ने दुश्मन के कमांडर को धर दबोचा, कांबेट फ्री फाल से मैदान में उतरे

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लखनऊ। 76वें सेना दिवस परेड के अंतर्गत सूर्या स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में आयोजित शौर्य संध्या कार्यक्रम में मिक्स मार्शल आर्ट के रोमांचक प्रदर्शन ने समां  बांध दिया तो सेना की मोटरसाइकिल डेयरडेविल्स टीम ने दांतो तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया।

इसके साथ टेंट पेगिंग और आर्मी एडवेंचर स्पोर्ट्स की पैरा मोटर्स टीम द्वारा मैदान का चक्कर लगाना हो या फिर सुखोई विमानों व हेलीकाप्टरों का फ्लाई पास्ट हो।

सेना दिवस परेड में नवाबों के शहर ने देखा वीर सैनिकों के शौर्य का प्रदर्शन

हालाकि उस समय युद्ध भूमि का नजारा हो गया जब सेना की स्पेशल फोर्सेज ने दुश्मन सेना के मुख्यालय को ध्वस्त कर उसके कमांडर को पकड़ने का रोमांचक प्रदर्शन किया। इसके लिए पैरा कमांडो फ्री फाल के तहत आठ हजार फिट पैराशूट से मैदान में उतरे।

वहीं ठंडी हवाओं के बीच खचाखच भरे मैदान में लोग अपने वीर जवानों के शौर्य को दांतो तले अंगुली दबाकर देखते रहे। वहीं शौर्य दिवस को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्रप्रेम की जब बात आती है, तो मुझे ऐसा लगता है कि इस बारे में हमारे सैनिकों का बखान शब्दों से तो किया ही नहीं जा सकता।

शौर्य संध्या कार्यक्रम में मिक्स मार्शल आर्ट के रोमांचक प्रदर्शन ने बांधा समां

किसी भारतीय सैनिक के अंदर देश प्रेम की कैसी लहर दौड़ रही है, इस बात का परिचय आपको कारगिल की वह चोटियाँ देंगी, जहां पर सांस लेने के लिए ऑक्सीजन तक की कमी है।

रक्षा मंत्री ने वीर सैनिको को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय सैनिक जब अपनी आखिरी सांस तक दुश्मन से लड़ता है, तो वह इसलिए नहीं लड़ता क्योंकि वह दुश्मन से नफरत करता है, बल्कि वह इसलिए लड़ता है क्योंकि वह अपने देश से प्यार करता है।

यही देशभक्ति उसके अंदर साहस की ऐसी भावना भरती है, जिससे प्रेरणा पाकर वह अपने प्राणों तक को दाँव लगाने में भी पीछे नहीं हटता है।

हमारे सैनिकों का बखान शब्दों से तो किया ही नहीं जा सकता : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

उनहोंने कहा कि लखनऊ धरती वीरों की धरती है। देश की सुरक्षा के लिए लड़ी गई हर लड़ाई में यहाँ के सैनिकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

लखनऊ बेगम हजरत महल का शहर है, जिन्होंने लीक से हटकर प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में एक टुकड़ी को अपना नेतृत्व प्रदान किया था। यह धरती, कैप्टन मनोज पांडे की धरती है, जिनकी वीरता की मिसाल देश के बच्चे-बच्चे की जुबान पर है।

उन्होंने ये भी कहा कि एक सरकार के रूप में हम अपने सैनिकों के प्रति जो जिम्मेदारी है, उसे बखूबी निभा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के के नेतृत्व में जब से हमारी सरकार आई है, तब से हमने सेना के सुदृढ़ीकरण की ओर विशेष ध्यान दिया है।

इससे पूर्व ठाकुर श्योदत्त सिंह परेड ग्राउंड, 11 जीआरआरसी, लखनऊ में 76वीं सेना दिवस परेड आयोजित की गई । थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने परेड की समीक्षा की और वीरता पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और वरिष्ठ सैन्य कर्मी उपस्थित थे।

राष्ट्र के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले बहादुर जवानों को सम्मानित करने के लिए लखनऊ में स्मृतिका युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि समारोह के साथ सेना दिवस समारोह की शुरुआत हुई।

परेड में छह मार्चिंग टुकड़ियां और एक सैन्य बैंड शामिल हुआ, जिसमें विभिन्न रेजिमेंटल केंद्रों से छह रेजिमेंटल ब्रास बैंड और चार पाइप बैंड शामिल थे।

मार्च करने वाली टुकड़ियां 50 (स्वतंत्र) पैरा ब्रिगेड, सिख लाईट रेजिमेंटल सेंटर, जाट रेजिमेंटल सेंटर, गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर, बंगाल इंजिनियर ग्रुप सेंटर और आर्मी एयर डिफेंस (एएडी) सेंटर से थीं। परेड में पूर्व सैनिक, एनसीसी कैडेट, स्कूली बच्चे, सेवारत सैनिक और उनके परिवार शामिल हुए। भारतीय सेना के करीब 500 जवान इस भव्य परेड का हिस्सा बने ।

आर्मी एविएशन ध् हेलीकॉप्टरों द्वारा फ्लाई पास्ट भी आयोजित किया गया। 1 एसटीसी मोटरसाइकिल डिस्प्ले टीम डेयर डेविल्स ने 35 मोटरसाइकिलों के साथ सीट सिटिंग बैलेंस, एरोहेड फॉर्मेशन, कॉर्नर क्रॉस, क्रिस क्रॉस, इनर आउटर सर्कल, सिंगल सिजर क्रॉस, टैंक बैलेंस जैसे स्टंट करके दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

पैराट्रूपर्स की एक टीम ने भी एक प्रदर्शन किया। थल सेना की माइक्रोलाइट उड़ान अभियान टीमों ने झंडे और बैनरों के प्रदर्शन सहित सटीक युद्धाभ्यास से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे ने भारतीय सेना की सैन्य शक्ति पर प्रकाश डालते हुए भारतीय सेना को भविष्य के लिए तैयार, प्रौद्योगिकी संचालित, घातक और चुस्त बल में बदलने के प्रयासों का भी प्रदर्शन किया।

सेना कर्मियों और इकाइयों की वीरता और सराहनीय सेवा की मान्यता में सेना प्रमुख द्वारा 15 वीरता पुरस्कार और 23 यूनिट प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। सेना दिवस 2024 की प्रस्तावना के रूप में, मध्य कमान अलंकरण समारोह 13 जनवरी 2024 को लखनऊ में आयोजित किया गया था, जिसमें मध्य कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एन.एस. राजा सुब्रमणि ने सेना के जवानों को विशिष्ट सेवा पुरस्कार प्रदान किए।

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भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर जनरल (बाद में फील्ड मार्शल) के.एम. की उपलब्धियों की याद में भारत हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाता है। करियप्पा. इस दिन, जनरल करियप्पा, जिन्होंने 1947 के युद्ध में भारतीय सेना को जीत दिलाई, ने 1949 में अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल सर एफआरआर बुचर से भारतीय सेना की कमान संभाली और पहले भारतीय कमांडर-इन बने। -स्वतंत्र भारत के प्रमुख. जनरल करिअप्पा और रक्षा बलों के सम्मान में हर साल सेना दिवस मनाया जाता है।

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