चेन्नई: अनुप्रिया की मां रजनी की यह इच्छा थी कि वह शॉट पुट में अपने करियर की शुरुआत करें, लेकिन परिवार से सपोर्ट नहीं मिलने के कारण उन्हें इससे वंचित होना पड़ा।
हालांकि एक बार जब उन्होंने अपनी बेटी के अंदर खेलों में भाग लेने की रुचि देखीं तो वह उन्हें इसके लिए प्रेरित करने लगी। इसके बाद स्कूली स्तर पर दौड़ में कई जीत दर्ज करने के बाद रजनी अपनी बेटी को उस समय प्रेरित करने लगी जब वह 14 साल की थीं।
अनुप्रिया ने इसके बाद अपनी मां से शॉ पुट सीखनी शुरू कर दी, जो शुरुआती साल में अपनी बेटी के लिए कोचिंग की भूमिका निभा रही थी। 18 साल की केरल की अनुप्रिया ने मंगलवार को यहां जारी खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2023 में 17.22 मीटर नए मीट रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीत लिया।
लेकिन अनुप्रिया के लिए यहां तक का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था। उनकी मां रजनी, जोकि अब घर का कामकाज देखती हैं, शुरुआती दिनों में ठीक से अपनी बेटी को कोचिंग नहीं दे पा रही थी।
इसके बाद उन्होंने अनुप्रिया का दाखिला कासरगोड स्थित केसी थ्रोइंग अकादमी में करा दिया, जहां अनुप्रिया केसी गिरीश की निगरानी में ट्रेनिंग करने लगी। लेकिन जैसे ही उन्होंने इसकी शुरुआत की तो फिर उसके बाद ट्रेनिंग और ट्रेवलिंग की लागत बढ़ने लगी।
उनके उस खर्चे को पूरा करने के लिए परिवार ने अपनी संपत्ति नीलाम कर दी जबकि पिता ससी के ने अपनी नौकरी छोड़ दी ताकि वह अपनी बेटी के साथ आ जा सके। इसके अलावा लोकल कम्यूनिटी ने भी स्कॉलरशिप के जरिए उनकी आर्थिक मदद करने में अपनी भूमिका निभाई।
इन सबके सपोर्ट से अनुप्रिया ने 2023 में त्रिनिदाद एंड टोबैगो तथा उज्बेकिस्तान में आयोजित एशियन यूथ चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर खुद को साबित भी किया। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के पिछले संस्करण में रजत पदक जीतने वाली अनुप्रिया ने इस बार चेन्नई में केवल स्वर्ण पदक जीतने का लक्ष्य तय कर रखा था, लेकिन वह ना केवल स्वर्ण पदक जीती बल्कि उन्होंने रिकॉर्ड बुक में भी अपना दर्ज करवा लिया।
उनके पिता ससी ने कहा, ” वह इस टूर्नामेंट को लेकर बेहद दृढ़ थी क्योंकि वह आखिरी बार खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भाग ले रही थीं। आखिरकार उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और कोच तथा अपनी मां के आशीर्वाद से इसे कर दिखाया।
अनुप्रिया की मां रजनी का सपना है कि उनकी बेटी एक दिन जरूर ओलंपिक खेलेगी। अनुप्रिया ने इसे लेकर कहा कि वह अपनी मां के सपने को पूरा करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, ” मैं यहां एक लक्ष्य लेकर आई थी और मैंने इसे हासिल कर लिया है। मुझे उम्मीद है कि मैं अपने इस फॉर्म को आगे भी जारी रखूंगी ताकि एक दिन मैं ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर सकूं और अपने मां के सपने को पूरा कर सकूं