पाठ्यक्रम में होनी चाहिए रामायण, ये हमारा जीवन दर्शन है : अरुण गोविल

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साभार : गूगल

रामायण सीरियल में श्रीराम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल वाराणसी के सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित जय श्रीराम नाट्य मंचन कार्यक्रम में शामिल होने काशी पहुंचे थे।

उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रामायण हमारे पाठ्यक्रम में शामिल होनी चाहिए। सबको इसे पढ़ाया जाए क्योंकि ये हमारा जीवन दर्शन है और बताती है हमें जीवन कैसे जीना चाहिए।

उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रामायण हमारे पाठ्यक्रम में जरूर होनी चाहिए। क्योंकि रामायण को धार्मिक कह देना औचित्य नहीं है। रामायण हमारा जीवन दर्शन है।

रामायण हमें ये बताती है कि सिर्फ हमें ही नहीं बल्कि सभी को कैसे जीना चाहिए। रिश्ते कैसे होने चाहिए। धैर्य कितना होना चाहिए इंसान में। शांति किस तरह से इंसान पा सकता है। ये सभी के लिए है। ये केवल सनातनी लोगों के लिए ही नहीं सबके लिए है रामायण और ये हमारे पाठ्यक्रम में जरूर होनी चाहिए।

बता दें कि सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में जय श्रीराम प्रोग्राम के तहत रामायण का मंचन किया गया। इसको नरेट मुकेश खन्ना ने किया। इस कार्यक्रम में रामायण के ‘राम’ अरुण गोविल भी शामिल हुए।

कॉलेज के छात्र-छात्राओं की रामायण की प्रस्तुति देखकर अरुण गोविल ने उनकी प्रशंसा की। राम-रावण के संवाद की प्रस्तुति भी दी। काशी में 3.30 घंटे में सनबीम एकेडमी के 1000 विद्यार्थियों ने पूरी रामायण दिखाई। महाभारत के भीष्म पितामह के पात्र मुकेश खन्ना सूत्रधार की भूमिका में रहे।

इस नाटक की तैयारी आठ माह से चल रही है। रामायण के हर पात्रों के संवाद और संगीत की पटकथा लिखी गई। जबकि ढाई माह से चयनित विद्यार्थियों को रिहर्सल कराया जा रहा था। सहयोग में सधे कलाकार हैं।

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