डिजिटल साक्षरता से महिलाएं बन सकती हैं स्वावलंबी

0
94

यू पी प्रोडक्टिविटी काउंसिल द्वारा राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह के तीसरे दिन बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: प्रोडक्टिविटी इंजन फॉर इकोनामिक ग्रोथ विषय पर पैनल डिस्कशन हुआ।

पैनल में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ गौरी मिश्रा ने इस विषय पर विद्यार्थियों को विस्तार से बताया । कृत्रिम बुद्धिमत्ता हमारे समय की जरूरत है। समय के साथ चलने के लिए इसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती। कार्यक्रम की निदेशक डॉक्टर सुधा बाजपेई ने कहा कि प्रायः समाज के वंचित एवं महिलाएं नवाचारों को अपना नहीं पाती।

ये भी पढ़ें : यूपी प्रोडक्टिविटी काउंसिल द्वारा आयोजित उत्पादकता सप्ताह का ये है उद्देश्य

इसके लिए विभिन्न सामाजिक एवं आर्थिक शक्तियां जिम्मेदार होती हैं। आज आवश्यकता इस बात की है कि तमाम बाधाओं को पार करते हुए महिलाएं कृत्रिम बौद्धिकता को अपनाएं और समाज की मुख्यधारा में में अपना योगदान दें।

कार्यक्रम में इतिहास विभाग के प्रोफेसर ,डीन एकैडमिक अफेयर्स प्रोफेसर विक्टर बाबू, इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर वी एम रवि कुमार ने भी इस विषय पर अपने विचार साझा किये।

आंत्रप्रेन्योर प्रियंका गुप्ता ने अपनी एक छोटे कस्बे से शुरू की जिंदगी में ए आई का प्रयोग करके अपनी एक कंपनी खड़ी करने तक की कहानी विद्यार्थियों को बताई। अपने अनुभव साझा किया।

धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। कल दिनांक 15 फरवरी को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय में यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here