लखनऊ। भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने शुक्रवार को अपना 73वाँ स्थापना दिवस बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रभु एन सिंह (गन्ना एवं चीनी आयुक्त, उत्तर प्रदेश) तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. अजीत कुमार शासनी (निदेशक, सीएसआईआर-एनबीआरआई, लखनऊ) और विशिष्ट अतिथि डॉ. भास्कर नारायण (निदेशक, सीएसआईआर-आईआईटीआर, लखनऊ) थे।
संस्थान के निदेशक डॉ.आर विश्वनाथन ने नई गन्ना किस्मों, गन्ना आधारित मशीनीकरण, विकसित प्रौद्योगिकियों, पेटेंट फाइलिंग, विभिन्न संस्थानों के साथ सहयोग एवं समझौता ज्ञापन, आउटरीच कार्यक्रमों, देश के अन्य राज्यों में बड़े पैमाने पर प्रजनक बीज उत्पादन तथा वर्ष भर विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन सहित आईआईएसआर की अनेक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
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समारोह की अध्यक्षता करते हुए प्रभु एन. सिंह ने विभिन्न प्रकार की योजनाओं, पेट्रोल के साथ इथेनॉल मिश्रण और भविष्य में गन्ने से अधिक आर्थिक लाभ और विविध उपयोग के मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
इस अवसर पर डॉ. भास्कर नारायण ने नवाचार, स्थिरता और स्वास्थ्य के पहलू पर व्याख़्यान दिया और हितधारकों की समस्याओं के बारे में अनुसंधान एवं विकास के बारे में विस्तार से बताया। डॉ.एके शासनी ने अपने उद्बोधन में बहुत उपयोगी सलाह देते हुए वैज्ञानिकों को सुक्रोज भंडारण क्षमता में वृद्धि के साथ गन्ने की उन्नतशील किस्मों को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर परियोजना समन्वयक (गन्ना) डॉ. दिनेश सिंह ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों के लिए गन्ने की किस्मों के विकास के बारे में बताया।
संस्थान के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव ने दर्शकों को पिछले एक वर्ष में ई-एचआरएमएस प्रणाली के कार्यान्वयन, विभिन्न सुविधाओं की खरीद और बुनियादी ढांचा विकास के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ.एसएन सिंह एवं ब्रह्म प्रकाश द्वारा लिखित पुस्तक “उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादन तकनीकी” का विमोचन भी किया गया।
वहीं विभिन्न श्रेणियों में ‘सर्वश्रेष्ठ’ प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को “उत्कृष्टता प्रमाण पत्र” से तथा डॉ.आरयू मोदी को ‘सर्वश्रेष्ठ युवा वैज्ञानिक पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। समारोह की समाप्ति प्रधानमंत्री मोदी के ‘2047 तक विकसित भारत’ के संदेश को प्रसारित करने वाले नुक्कड़ नाटक के साथ हुई।
इस अवसर पर संस्थान के कर्मचारियों एवं छात्रों सहित कई सेवानिवृत्त कर्मी भी उपस्थित थे। संयोजक डॉ. एके शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया। संचालन डॉ. अनिता सावनानी ने किया।