लखनऊ। भारतीय दृष्टिबाधित जूडो टीम ने गत 14 से 19 फरवरी तक हीडलबर्ग, जर्मनी में आयोजित आईबीएसए जूडो ग्राण्ड प्री में भाग लिया। हरियाणा की कोकिला ने -48 किग्रा. भारवर्ग में खेलते हुये चीन को हराकर पहली बाउट जीती। इसके बाद वह सेमीफाइनल में कजाकिस्तान से हार गई।
कांस्य पदक मुकाबले के लिये कोकिला ने अपना हौसला बरकरार रखा औेर स्विट्जरलैण्ड की कारमेन को हराया, जो पहले भी दो बार पैरालम्पियन पदक विजेता रह चुकी हैं एवं अब भी पैरालम्पियन खिलाड़ी है। कोकिला पैरालम्पिक रेंकिंग में फिलहाल 7वें नम्बर पर है। उनका पदक निष्चित रूप से पैरालम्पिक के लिये उनकी रैकिंग को बेहतर करेगा।
मध्य प्रदेश के कपिल परमार ने -60 किग्रा. भारवर्ग में खेलते हुये इटली को हराकर पहली बाउट तथा अल्जीरिया को हराकर दूसरी बाउट जीता। फिर दुर्भाग्य से सेमीफाइनल में वह ईरान से हार गये। उन्हें उरूग्वे के खिलाफ कांस्य पदक के लिये खेलने का मौका मिला, लेकिन वह हार गये।
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कपिल पैरालम्पिक रैकिंग मे फिलहाल नंबर 1 पर हैं और इस प्रतियोगिता में कोई पदक न मिलने के बावजूद भी वह इस रैक पर कायम हैं। कपिल और कोकिला दोनों फ्रांस पैरालम्पिक 2024 के क्वालीफाई जूडोका हैं। यह जानकारी इण्डियन ब्लाइंड एण्ड पैरा जूडो एसोसिएषन के उपाध्यक्ष सुधीर हलवासिया ने दीं।