लखनऊ। दादी नानी की कहानी कार्यक्रम में सोमवार को बच्चों ने मेहनती रेशमा और आलसी शेरा की कहानी सुनी। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा डालीगंज के महाराजा अग्रसेन बालिका विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में स्टोरीमैन जीतेश श्रीवास्तव ने बच्चों से हमेशा खुश रहने, मेहनत करने और हर काम को ईमानदारी से करने की सीख दी।
स्टोरीमैन जीतेश ने सुनायी दादी-नानी की कहानी
कार्यक्रम का शुभारम्भ ज्ञानवर्द्धक प्रश्नोत्तरी और मनोरंजक खेल से हुआ। लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी एवं लोक चौपाल की प्रभारी अर्चना गुप्ता ने भी बच्चों को सीख दी तथा बच्चों को प्रेरणात्मक सन्देश दिये। कहानी की शुरुआत जमैथा गांव की रेशमा से हुई जिसकी मां की मृत्यु हो गई थी।
गांववालों के समझाने के बाद उसके पिता ने दूसरी शादी भैरोमति से की। भैरोमति का पहले से एक बेटा था जिसकी उम्र रेशमा के बराबर थी।
भैरोमति ने रेशमा पर अत्याचार करना शुरू कर दिया पर रेशमा ने कभी अपनी सौतेली मां को पलट कर जवाब नहीं दिया बल्कि वह घर के सारे काम किया करती थी और अपनी पढ़ाई भी करती थी।
बोलने वाले पेड़ और बोलने वाले कुत्ते की मदद करने जैसे विभिन्न घटनाक्रमों के बाद रेशमा की मेहनत और ईमानदारी से प्रभावित परियों ने उसे हीरे जवाहरात का उपहार दिया जबकि शेरा के आलसी स्वभाव के कारण उसे मधुमक्खियों के डंक का सामना करना पड़ा और वह दुखी होकर घर वापस आ गया।
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उसे एहसास हो गया कि किसी की मदद न करने से और अपने काम में ईमानदार ना रहने से दुख ही झेलना पड़ता है। कार्यक्रम के अनौपचारिक सत्र में अध्यापिकाओं ने पाठ्य सहगामी क्रिया के रूप में कहानियों के महत्व पर बातचीत की। विद्यालय की प्रधानाचार्य प्रियंका वर्मा ने सभी का स्वागत किया। इस अवसर पर विद्यालय परिवार और संस्थान के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।