ग्रीष्मकालीन कथक नृत्य कार्यशाला का हुआ समापन

0
105

लखनऊ: बिरजू महाराज कथक संस्थान द्वारा आयोजित प्रस्तुतिपरक ग्रीष्मकालीन कथक नृत्य कार्यशाला का समापन समारोह आज, बाल्मीकि रंगशाला,प्रेक्षागृह संगीत नाटक अकादमी, गोमती नगर, लखनऊ में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

इस अवसर पर वरिष्ठ कथक नृत्यांगना डॉ. पूर्णिमा पांडे मुख्य अतिथि रहीं जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में विशेष सचिव संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश रवीन्द्र कुमार की गरिमामयी उपस्थिति रही। समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और गणेश वंदना के साथ हुई।

इसके बाद प्रतिभागियों ने विभिन्न कथक नृत्य प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का निर्देशन आकांक्षा पांडे एवं मीरा रत्न ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में सभी कलाकारों को अपना आशीर्वाद दिया है। उनके उज्जवल भविष्य की कमाना की।

ये भी पढ़ें : पिता और पुत्र दोनों की कृतियों का एक साथ हुआ लोकार्पण

विशेष सचिव संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश रवीन्द्र कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा, “कथक नृत्य भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है और इस प्रकार की कार्यशालाएँ नई पीढ़ी को हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने में सहायक होती हैं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को उनकी उत्कृष्ट प्रस्तुतियों के लिए बधाई दी और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

कलाकारों ने कार्यक्रम की शुरुआत भगवान श्रीहरि विष्णु जी पर आधारित भजन “शांताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं” के साथ हुई। इसके बाद प्रतिभागियों ने विभिन्न कथक नृत्य प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन किया।

कार्यशाला में प्रशिक्षित प्रतिभागियों ने कथक नृत्य के विभिन्न आयामों जैसे उपज, ठाठ, उठान, नटवरी रूप, परन एवं दुर्गा कवित्त प्रस्तुत किए।ु

तत्पश्चात बाल कलाकारों द्वारा तीनताल विलंबित लय में बंदिश, सलामी, आमद, ठुकड़ा, तिहाई, परन, चक्करदार ठुकड़े एवं लड़ी इत्यादि प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर समापन समारोह में सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here