लखनऊ। ….हनुमान जी ने जैसे ही तुलसी के पत्ते को खाया उनकी भूख तुरंत शांत हो गई। कहा जाता है कि तभी से हनुमान जी की पूजा और भोग में तुलसी का प्रयोग किया जाता है।‘
…हनुमान जी को प्रिय तुलसी के ऐसे ही छोटे-छोटे साढ़े तीन हजार से अधिक पौधों का वितरण बड़े मंगल पर उनके प्रसाद स्वरूप हनुमान सेतु मंदिर के बाहर नि:शुल्क दान किये गये। यह पहल मानस पर्यावरण संरक्षण संस्थान उत्तर प्रदेश के संस्थापक मानस चिरविजय सॉंकृत्त्यायन ने की।
मानस पर्यावरण संरक्षण संस्थान के तत्वाधान में आयोजन
उन्होंने नि:शुल्क लोगों को 3500 तुलसी के पौधों का वितरण किया। हनुमान जी के दर्शन करने आए भक्तगणों ने पहले हनुमान जी के दर्शन किये और बाद में प्रसाद स्वरूप दान दिये जा रहे इन पौधों को अपना नाम और पता लिखवा कर ग्रहण किया। तुलसी के पौधों को लेने के लिए एक समय तो लम्बी लाइन लग गई।
प्रसाद स्वरूप लोगों को नि:शुल्क दान किये गये तुलसी के पौधे
मानस चिरविजय सॉंकृत्त्यायन से तुलसी के पौधे लेने वालों में कई बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चियां और युवा भी रहे। मानस ने लोगों को पौधे देते समय उनसे पौधरोपण करने की अपील भी की।
जलवायु अधिवक्ता/ पर्यावरणविद् और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से ” गंगा सेवक ” के रूप में सम्मानित मानस चिरविजय सॉंकृत्त्यायन ने रामा और श्यामा प्रजाति की तुलसी के पौधों का वितरण किया।
” पौध लगायें, वृक्ष बनायें ” अभियान को आगे बढ़ाते हुए की पहल
उन्होंने तुलसी देते समय लोगों से कहा कि ‘सांसों के लिये वृक्ष लगायें ’, ‘हमारा वृक्ष, हमारा भविष्य’, ‘पल-पल के लिये पीपल’, ‘पौध लगायें, वृक्ष बनायें ‘। उनके इस अभियान की सबने खूब सराहना भी की। उनके साथ पर्यावरणविद् और समाजसेवी के रूप में कई लोग मौजूद रहे।
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प्रमुख रूप से मानव सिंह बिसेन, मनोज सिंह चौहान, मोहम्मद नसीम, नुसरत जहाँ, विमल रस्तोगी, प्रमोद रस्तोगी, राजेश सिंह, पर्यावरणविद् कृष्णानन्द राय, अंकित मिश्र, सुधांशु मिश्र, रूपेश तिवारी, मनोज सिंह, समाजसेवी संज्ञा शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार पल्लव शर्मा ने उनके इस अभियान में अपना पूरा सहयोग प्रदान किया।