लखनऊ। श्री बंदी माता मंदिर के 42वें वार्षिक समारोह में तीसरा दिन सोमवार को श्रद्धालुओं का जमावड़ा रहा। शाम को सांस्कृतिक संध्या में मुख्य अतिथि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष धर्मेंद्र प्रधान को बंदी माता मंदिर अखाड़ा समिति के मुख्य महंत देवेंद्रपुरी, महंत मनोहरपुरी, महंत पूजापुरी भास्करपुरी, राजूपुरी, महंत सावनपुरी, पार्षद रणजीत सिंह, डालीगंज के अनेक निवासियों ने सम्मानित किया।
श्री बंदी माता मंदिर का 42वाँ वार्षिक समारोह का तीसरा दिन
सुबह यज्ञाचार्य पं. शिवानंदपुरी और उनके सह-आचार्य पं शिवा अवस्थी, पं सत्य प्रकाश शास्त्री, पं धनंजय कृष्ण शास्त्री व पं गोविंद ने सप्तचंडी महायज्ञ संपन्न कराया।
संस्कृत विद्वान आचार्यों ने किया मंत्रोच्चार
दिन में मुख्य मंच पर मथुरा की लोक कथा वाचक रोली शास्त्री ने श्रीमद्भागवत कथा सुनाकर भाव-विभोर कर दिया। उन्होंने भस्मासुर का वध, भोले शंकर का कंगन देने जैसे अनेक प्रसंगों का मार्मिक व वर्णन किया।
पं नित्यानंद साथी कलाकारों की गीत संगीतमय रासलीला में देर रात तक श्रद्धालु इकठ्ठा रहे। सुबह से देर रात तक चले संत-सम्मलेन में विभिन्न प्रांतों के साधु महात्माओं की आवाजाही लगी रही।
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सेवादार वरिष्ठ समाजसेवी राधा वर्मा ने श्रीमद्भागवत पूजन, आरती की। महंत पूजापुरी ने बताया कि सात दिन का यह वार्षिक समारोह पूर्वज गुरुओं की स्मृति में हर वर्ष होता है।
ये सप्त दिवसीय अनुष्ठान ब्रम्हलीन महंत कपिलेश्वर पुरी महाराज एवं सिद्ध संतों की स्मृति में होता है। सात दिन तक प्रतिदिन शतचंडी महायज्ञ, श्रीमद् भागवत कथा, रासलीला, भंडारा, संत सम्मेलन अनवरत चलता रहेगा।