टीचर बने सीएम योगी, दिए छात्रों के सवालों के जवाब

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लखनऊ। अटल आवासीय विद्यालयों के द्वितीय शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ करने लखनऊ के मोहनलालगंज के सिठौली कला स्थिति विद्यालय पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां बच्चों के साथ क्वालिटी समय बिताया।

इस दौरान न सिर्फ सीएम योगी ने प्रतिभाशाली छात्रों के द्वारा बनाए गए इनोवेटिव मॉडल्स को देखा और उसकी सराहना की, बल्कि क्लासरूम जाकर बच्चों से संवाद भी किया।

अटल आवासीय विद्यालय में सीएम योगी ने छात्रों के साथ किया संवाद

सीएम योगी ने शिक्षक बनकर छात्रों को सफलता के मंत्र भी बताए, जबकि छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए। इस दौरान सीएम योगी ने छात्रों के साथ ग्रुप फोटोशूट भी कराया तो सेल्फी भी क्लिक की।

कार्यक्रम के लिए मोहनलालगंज स्थित अटल आवासीय विद्यालय पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले छात्रों द्वारा बनाए गए इनोवेटिव मॉडल्स की प्रदर्शनी देखी।

छात्रों के बनाए मॉडल्स देखकर सीएम ने जताई खुशी

इस प्रदर्शनी में स्मार्ट डस्टबिन, स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक, ऑटोमैटिक स्ट्रीट लाइट, ऑबस्टिकल अवॉइडिंग रोबोट, कंप्यूटर मॉडल, कैलीग्राफी और आर्ट एंड क्राफ्ट जैसे डिवाइस प्रस्तुत किए गए, जिसे देखकर सीएम योगी ने छात्रों की सराहना की और उन्हें प्रोत्साहित किया।

शिक्षक बन छात्रों को दी नसीहत, बार-बार न दोहराएं गलतियां

छात्रों ने उन्हें अपने मॉडल्स की विशेषताएं भी बताईं। एक बच्ची ने सीएम योगी का चित्र भी बनाया, जिस पर सीएम योगी ने अपने सिग्नेचर भी किए। इस अवसर पर सीएम ने सभी बच्चों के साथ फोटोशूट भी कराया।

यहां से सीएम योगी सीधे क्लासरूम पहुंचे, जहां उन्होंने बच्चों से विद्यालय के बारे में, पढ़ाई के बारे में चर्चा की और उन्हें चॉकलेट वितरित की। सीएम योगी ने बच्चों से पूछा कि पहले किस तरह की शिक्षा प्राप्त कर रहे थे और अब उनके जीवन में क्या बदलाव आया है। बच्चों ने बताया कि अब उन्हें अब स्मार्ट क्लास में पढ़ने का सुअवसर मिल रहा है।

बार-बार न दोहराएं गलती

इस दौरान सीएम योगी ने छात्रों के सवालों के जवाब भी दिए। एक छात्र ने पूछा कि हाल ही में हमने लखनऊ में स्वतंत्रता दिवस की परेड में भाग लिया था, जहां हमें पुरस्कार भी मिला था। क्या हम दिल्ली की परेड में भी जा सकते हैं। इस सवाल के जवाब में सीएम योगी ने मुस्कुराते हुए कहा कि हां जरूर भेजा जाएगा।

इसी तरह एक बच्चे ने पूछा कि जब आप स्कूल में पढ़ते थे तो क्या आपको भी गलती करने पर डांट पड़ती थी। इस पर सीएम ने शिक्षक की तरह छात्रों को नसीहत दी कि गलती अनजाने में हो जाए तो उसके लिए व्यक्ति दोषी नहीं होता है, उसमें सुधार की गुंजाइश होती है, लेकिन बार-बार गलती को दोहराना नहीं चाहिए।

मुख्यमंत्री ने छात्रों के साथ ग्रुप फोटोशूट के साथ ही खुद क्लिक की सेल्फी

छात्रों के इनोवेटिव मॉडल्स को सराहा, इनोवेशन जारी रखने को किया प्रोत्साहित

व्यक्ति कार्य करेगा तो गलती होगी, लेकिन यदि गलती बार-बार दोहराता है तो वह आदतन कर रहा है। स्वाभाविक रूप से हर बच्चे के जीवन में यह चीजें होती हैं। जब आप कुछ भी कार्य करिए, मेहनत करिए। अच्छी दिशा में कार्य करेंगे तो परिणाम अच्छे आएंगे। सवाल-जवाब के बाद सीएम योगी ने सभी बच्चों के साथ सेल्फी भी ली।

इस दौरान एक बच्ची ने अटल आवासीय विद्यालय में अच्छी व्यवस्था के लिए सीएम योगी का धन्यवाद देते हुए पूछा कि जब वो बच्चे थे तब क्या उन्हें भी इसी तरह की शिक्षा का अवसर मिला था।

इस पर सीएम योगी ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना है जो आप लोगों के लिए यह व्यवस्था बनाई गई है। वास्तव में यह जनता का ही पैसा है। गलत हाथों में पैसा जाता है तो वो इसका दुरुपयोग करते हैं।

जनता का ही पैसा है, जिसका सदुपयोग किया जा रहा

सही हाथों में पैसा जाता है तो ऐसे ही सदुपयोग होता है जैसे आपके लिए इतना अच्छा विद्यालय बना है। अटल आवासीय विद्यालय अभी 16 बन चुके हैं और 2 बन रहे हैं। 57 अन्य जनपदों में भी हम बना रहे हैं। इससे हजारों बच्चों का कल्याण होने वाला है। अगर सही रास्ते पर चलोगे तो मंजिल मिलेगी, अगर गलत रास्ते पर चलोगे तो भटक जाओगे।

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यूपी सरकार ने अटल आवासीय विद्यालय के लिए भवन और भूमि उपलब्ध करवाने के साथ ही रजिस्टर्ड श्रमिकों के सेस के पैसे से यहां की हर दिन की गतिविधियों के संचालन के लिए एक कॉर्पस फंड बनाया है। इसके लिए आपको प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर धन्यवाद ज्ञापित कीजिए।

छात्रों से बोले सीएम- जब सही हाथों में पैसा जाता है तो अटल आवासीय जैसा विद्यालय बनता है

कक्षा 6 की छात्रा छवि गौतम ने सीएम से पूछा कि बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय खोलने का विचार उनके मन में कब और कैसे आया?

इस पर सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इसके बारे में हमें कहा था कि जो बीओसी बोर्ड होता है जहां पर रजिस्टर्ड श्रमिकों के सेस का पैसा इकट्ठा होता है उसका कमोवेश दुरुपयोग होता है। उन्होंने कहा था कि इसके बारे में कुछ सोचिए।

श्रमिकों और निराश्रित बच्चों के बेहतर भविष्य की शुरुआत

मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ मंत्रणा करने के बाद हमारे मन में आया कि जो हमारा श्रमिक है वो निरंतर चलता रहता है। आज एक जिले में तो अगले दिन दूसरे जिले में कार्य करता है। वह अपने बच्चों को पढ़ा नहीं पाते हैं तो क्या हम उसके लिए व्यवस्था कर पाएंगे।

दूसरा कोरोना कालखंड में जो बच्चे निराश्रित हुए थे, उन बच्चों के लिए कुछ व्यवस्था होनी चाहिए। इसी दिशा में मोदी की परिकल्पना को हमने अटल आवासीय विद्यालय के रूप में आपके सामने प्रस्तुत किया है।

श्रद्धेय अटल देश के प्रधानमंत्री थे, उनकी स्मृतियों को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था बनाई गई है और 57 नए जनपदों में बनने जा रहे हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए और दूसरा श्रद्धेय अटल के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कीजिए, जिनके नाम पर कितने गरीब बच्चे यहां पर आकर अपना भविष्य बना रहे हैं।

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