लखनऊ। प्रदेश के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने प्रमुख सचिव कारागार अनिल गर्ग और पुलिस महानिदेशक कारागार पीवी रामाशास्त्री के साथ लखनऊ स्थित मॉडल जेल का दौरा किया।
निरीक्षण के दौरान जेल में हेल्थ एटीएम, टेलीमेडिसिन सेवाएं, प्रिंटिंग प्रेस के उन्नयन, हस्तनिर्मित कागज उद्योग, सिलाई उद्योग, और पावर लूम इकाई की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया।
मंत्री ने इन सभी उद्योगों के उन्नयन और गुणवत्ता सुधार के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। बंदियों के पारिश्रमिक में वृद्धि पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान गोशाला का निरीक्षण करते हुए गौसेवा के लिए की गई व्यवस्थाओं की भी सराहना की गई।
बंदियों के साथ बातचीत के दौरान, मंत्री दारा सिंह चौहान ने उनकी समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना। उन्होंने कहा कि समयपूर्व रिहाई का गहन अध्ययन किया गया है।
जिसके बाद निर्देश दिए हैं कि एक ऐसी प्रणाली विकसित की जाए, जिससे बंदियों को उनके रिहाई से संबंधित मामलों की प्रगति की सटीक जानकारी जेल विभाग से प्राप्त हो सके। पुलिस महानिदेशक कारागार पी. वी. रामाशास्त्री ने समयपूर्व रिहाई की नीति और उससे जुड़े सभी संदेहों का निवारण किया।
इसके बाद मंत्री चौहान ने लखनऊ के नारी बंदी निकेतन का निरीक्षण किया। महिला बंदियों के स्वास्थ्य और उनके बच्चों की देखभाल की व्यवस्थाओं की जानकारी ली। उन्होंने महिला बंदियों के साथ रह रहे बच्चों को उपहार प्रदान किए और क्रेच की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।
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महिला बंदियों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने उनकी जेल अपील और समयपूर्व रिहाई से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की और आश्वासन दिया कि उनकी फाइलों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित किया जाएगा।
मंत्री दारा सिंह चौहान ने कारागार अधिकारियों को निर्देश दिए कि बंदियों के हितों के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएं और उनकी समस्याओं का समय रहते निपटारा किया जाए।
निरीक्षण के पहले कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान की अध्यक्षता में दो दिवसीय व्यापक समीक्षा बैठक सफलतापूर्वक संपन्न हुई। इस बैठक में कारागार उद्योग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें विशेष रूप से जेलों में उत्पादित सामानों की गुणवत्ता, विपणन और बंदियों के कल्याण से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता दी गई।