लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के साथ हुये एमओयू के अन्तर्गत राज्य में सफलतापूर्वक डिजिटल डाक्टर क्लीनिक परियोजना की शुरुआत करने वाली ओब्डु ग्रुप अब राजस्थान में भी कदम रखने की तैयारी पूरी कर ली है।
कम्पनी राजस्थान सरकार के आमंत्रण पर ग्रामीणों को बेहद सस्ती प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराने तथा छोला छाप डॉक्टरों की वजह से बढ़ती मृत्युदर को काम करने व झोला छाप डॉक्टरों से छुटकारा दिलाने के लिए कल 14 नवम्बर को हो रही राइजिंग राजस्थान के अंतर्गत स्वास्थ्य क्षेत्र की प्री समिट में राजस्थान सरकार डिजिटल डाक्टर क्लीनिक परियोजना के विजन तथा विस्तार प्लान की समीक्षा करेगी।
ओब्डु ग्रुप को राइजिंग राजस्थान के प्री समिट में विजन सामने रखने के लिए मिला आमंत्रण
इस परियोजना को धरातल पर उतारने वाले ओब्डू ग्रुप के उच्च अधिकारी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार के प्रमुख सचिव भवानी सिंह देथा जैसे कई अन्य उच्च अधिकारी के समक्ष परियोजना का संक्षिप्त में विवरण रखेंगे।
ओब्डु ग्रुप के चेयरमैन व सीईओ संजय कुमार ने इस परियोजना को राजस्थान सरकार से जल्दी ही हरी झंडी मिलने की उम्मीद जताई और बताया कि इस परियोजना के अन्तर्गत कम्पनी की राज्य के विभिन्न ग्राम पंचायतों में डिजिटल डाक्टर क्लीनिक के लिए न सिर्फ ढाई हजार करोड़ का निवेश करेगी बल्कि राज्य के लगभग पचास हजार युवाओं को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध करायेगी।
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ओब्डु ग्रुप के चेयरमैन व सीईओ संजय कुमार ने बताया कि इस परियोजना के शुरू होने से राजस्थान के ग्रामीणों को सस्ती प्राथमिक चिकित्सा के साथ ब्लड जांच, मेडिसिन उपलब्ध होने के साथ झोलाछाप डॉक्टरों से छुटकारा मिल जाएगा।
कुमार ने बताया कि राजस्थान सरकार के समक्ष अपनी परियोजना डिजिटल डाक्टर क्लीनिक का विजन रखने जा रही ओब्डु ग्रुप उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के साथ इस परियोजना के लिए एमओयू कर चुकी है।
जिसके क्रम में उत्तर प्रदेश में 3350 करोड़ के निवेश के साथ राज्य के 34 जिलों में डिजिटल डाक्टर क्लीनिक खोली जा चुकी है, जबकि उत्तराखंड में भी जल्द ही डिजिटल डाक्टर क्लीनिक खोले जाने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।