ब्रेस्ट कैंसर का बेहतर उपचार, सीडीआरआई व एचसीजी हॉस्पिटल से एमओयू

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लखनऊ : सीएसआईआर-सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरआई), लखनऊ ने “सस्ती स्वास्थ्य देखभाल के लिए भारत की आरएंडडी प्राथमिकताओं” पर दो दिवसीय थीमेटिक कॉन्क्लेव का सफलतापूर्वक आयोजन किया, जो सीएसआईआर के ‘वन वीक वन थीम’ (ओडब्ल्यूओटी) पहल का हिस्सा है।

यह आयोजन 13 से 14 नवंबर तक आयोजित किया गया था, जिसमें सस्ती स्वास्थ्य देखभाल में नवीनतम प्रगति और चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञों ने भाग लिया, आज का कार्यक्रम विशेष रूप से कैंसर अनुसंधान एवं व्यक्तिगत चिकित्सा पर ध्यान केंद्रित रहा।

सस्ती स्वास्थ्य देखभाल के लिए भारत की आरएंडडी प्राथमिकताओं पर थीमेटिक कॉन्क्लेव 

कॉन्क्लेव में कई ज्ञानवर्धक सत्र आयोजित किए गए, जिसमें प्रमुख वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों ने कैंसर अनुसंधान, रोगी देखभाल, और भारत के स्वास्थ्य देखभाल परिदृश्य को आकार देने वाली उन्नत तकनीकों पर चर्चा की। इसमें लखनऊ के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के छात्र भी शामिल हुए।

 

इसके बाद, सीएसआईआर-सीडीआरआई से डॉ. दीपक दत्ता एवं एसीटीआरईसी, मुंबई की डॉ. शलाका जोशी ने ‘पैन सीएसआईआर कैंसर रिसर्च प्रोग्राम’ के तहत भारत में ब्रेस्ट कैंसर प्रबंधन की चुनौतियों और बढ़ते कैंसर आंकड़ों पर ज़ोर दिया।

कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, सीएसआईआर-सीडीआरआई के निदेशक डॉ. राधा रंगराजन ने एचसीजी हॉस्पिटल, बैंगलोर के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) की घोषणा की। यह समझौता एचसीजी के सेंटर फॉर बायोबैंकिंग और बायोरिपॉजिटरी से ब्रेस्ट कैंसर टिशू सैंपल तक पहुंच के लिए किया गया है।

इस सहयोग का उद्देश्य भारतीय रोगियों के लिए लक्षित ब्रेस्ट कैंसर उपचार के अनुसंधान को गति देना है। “यह साझेदारी अधिक प्रभावी एवं रोगी-विशिष्ट कैंसर देखभाल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है,” सीएसआईआर-सीडीआरआई की निदेशक डॉ. राधा रंगराजन ने कहा।

यह समझौता सहयोगात्मक अनुसंधान के माध्यम से कैंसर उपचार में परिवर्तन लाने और भारत को स्वास्थ्य देखभाल नवाचार में अग्रणी बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर है।

कार्यक्रम के अगले सत्र में *ऑन्कोजेन.एआई* पर चर्चा की गई, जो ऑनकोलॉजिस्ट के लिए विकसित एक अभिनव प्लेटफॉर्म है, जो व्यक्तिगत कैंसर थेरेपी के लिए एआई-आधारित जानकारी प्रदान करता है।

आईआईआईटी दिल्ली से डॉ. गौरव आहूजा ने बताया कि यह तकनीक रोगी देखभाल को लक्षित तथा डेटा-संचालित करके उपचार को उन्नत बना रही है।

इसके बाद, ऑरिजीन के डॉ. सुसांत समजदार ने *एओएल का प्रोटीन डिग्रेडेशन प्लेटफॉर्म डीएनएसडी* एवं *एयूआर-110* नामक एक चयनात्मक एसडब्ल्यूआई/एसएनएफ एटीपीएज डिग्रेडर क्लिनिकल कैंडिडेट की जानकारी प्रस्तुत की।

उन्होंने बताया कि यह प्लेटफॉर्म लक्षित कैंसर उपचार की एक नई पीढ़ी को आगे लाने में सहायक हो सकता है। कार्यक्रम का समापन एक सक्रिय पैनल चर्चा के साथ हुआ, जिसे डॉ. के. वी. सशिधर ने संचालित किया। इसमें डॉ. गौरव आहूजा, डॉ. शलाका जोशी, और डॉ. सुसांत समजदार ने हिस्सा लिया।

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इस सत्र में भारतीय स्वास्थ्य देखभाल पारिस्थितिकी तंत्र में आरएंडडी नवाचारों को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य देखभाल समाधानों में बदलने की चुनौतियों एवं उन्नत उपचार को सुलभ तथा सस्ता बनाने की रणनीतियों पर चर्चा की गई।

चर्चा सत्र के समापन पर, सीएसआईआर-सीडीआरआई की निदेशक डॉ. राधा रंगराजन ने कॉन्क्लेव में योगदान देने वाले सभी वक्ताओं और पैनलिस्ट का सम्मान किया और उन्हें भारत की सस्ती स्वास्थ्य देखभाल की आरएंडडी प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए सराहा।

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