लखनऊ। 165 वीं लड़ाकू (वायुयान) नियंत्रक पाठ्यक्रम के सफल समापन को यादगार बनाने के लिए दीक्षांत समारोह गुरुवार को वायु सेना स्टेशन मेमौरा में आयोजित हुआ। 17 भारतीय वायु सेना अधिकारियों से समाविष्ट पाठ्यक्रम वायु रक्षा कॉलेज, लड़ाकू (वायुयान) नियंत्रकों की मातृ-संस्था में गत 3 जनवरी को शुरू हुआ।
हर काम देश के नाम, वायु रक्षा कॉलेज में हुआ दीक्षांत समारोह
यह समारोह लड़ाकू (वायुयान) नियंत्रक पाठ्यक्रम के समापन और दीक्षा प्राप्तकर्ता अधिकारियों के लिए आकर्षक लड़ाकू (वायुयान) नियंत्रक बैज को प्रदान करने पर छाप छोड़ता है। एयर वाइस मार्शल पी जे वालिया, सहायक वायु सेना अध्यक्ष (वायु सेना कार्य) ने समीक्षा अधिकारी के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाई।
समारोह में ग्रुप कैप्टन कमल चड्डा, स्टेशन कमान्डर, वायु सेना स्टेशन मेमौरा और स्टेशन के अन्य पदाधिकारियों ने भाग लिया। समारोह के दौरान, ग्रुप कैप्टन दीपक गौड़, कमान अधिकारी, वायु रक्षा कॉलेज ने पाठ्यक्रम के दौरान किए गए उल्लेखनीय प्रशिक्षण क्रियाकलापों पर जोर देते हुए एक प्रतिवेदन प्रस्तुत की।
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सराहनीय प्रशिक्षु अधिकारियों को समीक्षा अधिकारी द्वारा ट्राफी तथा मेडल से पुरस्कृत किया गया। फ्लाईग अफसर जम्मू तरुन कुमार को समस्त प्रदर्शन में सर्वश्रेष्ठ चुना गया और ‘वायु अफसर कमांडिंग-इन-चीफ मध्य वायु कमान रोलिंग शील्ड’ से सम्मानित किया गया।
अपने संबोधन में समीक्षा अधिकारी ने वायु संक्रिया में लड़ाकू (वायुयान) नियंत्रकों की समीक्षापूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने युवा अधिकारियों को चुनौतीपूर्ण संक्रियात्मक वातावरण में तकनीकी के साथ अवगत रहने और अपनी व्यावसायिक ज्ञान को निरंतर उन्नयन करते रहने पर जोर दिया। उन्होने दीक्षा प्राप्त किए अधिकारियों को भारतीय वायु सेना में एक सफलतापूर्ण जीविका के लिए शुभकामनाएं व्यक्त की ।