मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद के साथ खेली शतरंज 

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रैंड मास्टर विश्वनाथ आनंद के साथ शतरंज खेलकर प्रतीकात्मक रूप से शतरंज ओलंपियाड की मशाल रिले का स्वागत किया। मशाल लेकर लखनऊ आए  खिलाड़ियों ने विधान भवन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मशाल सौंपी।

लखनऊ पहुंची शतरंज ओलंपियाड की मशाल का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया स्वागत

इसके बाद मशाल को उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सहित अन्य ने खुली जीप पर सवार होकर कुछ दूर तक हजरतगंज में मशाल रिले निकाली। दरअसल  कानपुर से खिलाड़ियों का काफिला मशाल लेकर शाम को अमौसी एयरपोर्ट आया। खुली जीप में सवार विश्वविख्यात शतरंज खिलाड़ी ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद मशाल लेकर नेतृत्व कर रहे थे।

विधान भवन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विश्वनाथन आनंद ने सौंपी मशाल 

काफिला हवाई अड्डे से शहीदपथ होते हुए सुल्तानपुर रोड, अर्जुनगंज, छावनी, राजभवन होते हुए विधान भवन शाम को पहुंचा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मशाल की अगवानी की। दिल्ली और यूपी के लोक संस्कृति कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य से पूरा माहौल देशभक्ति के रंगों से भर दिया। स्कूली बच्चों ने सड़क पर बने चेस बोर्ड पर नृत्य प्रस्तुति की।

इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद के साथ प्रतीकात्मक रुप से शतरंज भी खेली।
मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा कि शतरंज ओलंपियाड 2022 के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस मशाल को शुभारंभ किया। वह आज लखनऊ पहुंची है।

इस अवसर पर प्रदेश शासन की ओर से ग्रैंड मास्टर विश्वनाथ आनंद और भारतीय शतरंज फेडरेशन के पदाधिकारियों का स्वागत करता हूं। अंतरराष्ट्रीय चेस फेडरेशन फिडे की ओर से 44वें अंतरराष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन 10 अगस्त तक चेन्नई में जो निर्णय लिया गया। भारत प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की पहली बार मेजबानी कर रहा है।

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1927 से आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में पहली बार और तीन दशक में एशिया में पहली बार आयोजन हो रहा है। शतरंज खेल को बढ़ावा देने और प्रचार-प्रसार के लिए फिडे ने शतरंज मशाल की परंपरा शुरु की है।

यह रिले आयोजित करने वाला भारत पहला देश होगा। फिडे ने शतरंज मशाल की स्थापना कर यह तय किया है कि मशाल रिले अब भारत से ही शुरु हुआ करेगी।

यह भारत के लिए गौरव की बात होगी कि जिस विधा का भारत में ही हुआ हो। भारत के लिए यह गौरव की बात होगी। जिस विधा का जन्म भारत में हुआ हो। पांच हजार वर्ष पुरानी जिसकी परंपरा रही हो। पूरा महाभारत इसके इर्दगिर्द घूमता है। यह भारत का सम्मान है बल्कि देश की गौरवशाली शतरंज विरासत है।

शतरंज रिले देश के 36 केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरेगी। आज जब भारत अपनी आजादी की 75वें वर्ष का अमृत महोत्सव यह के अवसर पर शतरंज ओलपियाड मशाल 40 दिनों में देश के 75 शहरों में जा रही है। आगे 27 जून को आयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी प्रयागराज, होते हुए 5 जुलाई को झांसी से गुजरेगी।

शतरंज ओलंपियाड के 14 दिवसीय प्रतियोगिता में दुनिया के 150 देशों के खिलाड़ी प्रतिभागी कर रहे हैं। भारत के मेजबान होने के नाते महिला पुरुष वर्गों में ए और बी टीमों के 20 भारतीय खिलाड़ी भाग लेंगे। पांच बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथ आनंद को बनाया गया है।

आज लखनऊ में मशाल के स्वागत के दौरान उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री गिरीश चंद्र यादव, गैंड मास्टर विश्वनाथ आनंद, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल,  प्रमुख सचिव खेल कल्पना अवस्थी, भारतीय शतरंज महासंघ के अध्यक्ष संजय कपूर, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, खेल निदेशक डॉ आरपी सिंह सहित कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।

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