लखनऊ। यूपी में 24 नए एसटीपी बनकर तैयार हैं। गंगा की स्वच्छता को बड़ी उपलब्धि मिली है। मथुरा, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, बरेली, फरुखाबाद-फतेहगढ़ जैसे शहरों में अब नदियों में सीधे कचरा नहीं गिरेगा। गंदगी से शहरों को भी बड़ी राहत मिलेगी।
नदियों को प्रदूषण से जल्द मुक्त करेंगे 24 नए एसटीपी
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत प्रदेश में 3855.67 करोड़ की 25 परियोजनाओं को पूरा किया जाने का काम तेज गति से चल रहा है। 20 परियोजनाओं का निर्माण कार्य अंतिम पायदान पर है। पूरी की गई परियोजनाओं में 24 नए एसटीपी बनकर तैयार हुए हैं। 443.91 एमएलडी के इन ट्रीटमेंट प्लांटों से सीवेज का शोधन हो रहा है।
मथुरा, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, बरेली, फरुखाबाद-फतेहगढ़ में बन रही योजनाएं
कान्हा की नगरी मथुरा में सीवरेज परियोजना से 20 नालों को टैप कर 30 एमएलडी क्षमता के सीवरेज प्लांट तैयार हैं। इनका ट्रायल रन चल रहा है। वाराणसी में गंगा नदी को गंदगी से बचाने की चौतरफा तैयारी है। जायका परियोजना की सीवरेज योजना का काम 98.50 प्रतिशत पूरा हो चुका है।
तेजी से पूरा हो रहा 3855.67 करोड़ की 25 परियोजनाओं का काम
बागपत, जौनपुर में नालों को टैप कर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा गया है। इनके ट्रायल रन भी शुरू हो चुके हैं। मिर्जापुर, गाजीपुर, बरेली, फरुखाबाद-फतेहगढ़ में भी परियोजनाओं का लक्ष्य पूरा होने जा रहा है। जौनपुर में सीवरेज परियोजना से 14 नालों को टैप कर 30 एमएलडी के एसटीपी बनकर तैयार हैं।
पूरी हो चुकी परियोजनाओं में तैयार एसटीपी से 443.91 एमएलडी सीवेज का शोधन शुरू
बागपत में 4 नाले टैप किये गये हैं। यहां 14 एमएलडी एसटीपी का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। 30 जून तक कानपुर नगर में 30 एमएलडी और उन्नाव में 15 एमएलडी की निर्माणाधीन सीवरेज परियोजना पूरी होने जा रही है। लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग के अधिकारी पूरी ताकत से जुटे हैं।
स्वच्छ हुए गंगा के घाट और किनारे
इस बारे में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने मां गंगा समेत सभी नदियों को निर्मल और अवरिल बनाने का जो बीड़ा उठाया है। योगी सरकार उसे पूरा करने के लिए अथक परिश्रम कर रही है। इसके परिणाम दिखने लगे हैं। कानपुर, वाराणसी, काशी और प्रयागराज समेत तमाम शहरों में गंगा के घाट और किनारे स्वच्छ हुए हैं।
ये भी पढ़े : एक-एक योजना की प्रगति की परखी हक़ीक़त, अफ़सरों को निर्देश, ढिलाई बर्दाश्त नहीं