विश्व ध्यान दिवस पर भारतीय दार्शनिक मंच का ऐतिहासिक कदम

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लखनऊ : विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर, भारतीय दार्शनिक मंच और कमल हेल्थ सॉल्यूशन के संयुक्त तत्त्वावधान में भारतीय दार्शनिक मंच के उपक्रम ‘अस्पर्श योग और प्राकृतिक उपचार शोध प्रकोष्ठ’ का शुभारंभ किया गया।

यह आयोजन भारतीय दार्शनिक परंपरा और प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली के संगम को समर्पित एक प्रयास है, जिसका उद्देश्य ध्यान, योग और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

कार्यक्रम में अनेक प्रतिष्ठित अतिथियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें हर्षिता पांडेय (व्यवस्थाधिकारी, उत्तर प्रदेश सचिवालय), समाज सेविका रेखा झा, भूतपूर्व संयुक्त कमिश्नर आर.के. द्विवेदी,

पी.डब्ल्यू.डी. मुख्य इंजीनियर आर.एन. गुप्ता, भूतपूर्व जनरल मैनेजर जल संस्थान बी.आर. सिंह, डॉ. अरुण कुमार (निदेशक, कमल हेल्थ सॉल्यूशन रुचि खण्ड – 1 लखनऊ), डॉ आरती मिश्रा संतोष शाह और विद्या शाह प्रमुख रूप से शामिल थे।

भारतीय दार्शनिक मंच के समन्वयक डॉ. सतीश तिवारी, अध्यक्ष विकास तिवारी, उपाध्यक्ष डॉ. रेनू, संगठन मंत्री डॉ. सुधीर,सिंह, प्रचार एवं प्रसार मंत्री डॉ. संदीप कुमार चौरसिया, सांस्कृतिक सचिव डॉ. ऋचा आर्या, डॉ. राजकिशोर चौरसिया, और अन्य सदस्यों ने कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी निभाई।

विश्व ध्यान दिवस का महत्व

विश्व ध्यान दिवस ध्यान और आत्मचिंतन के महत्व को रेखांकित करता है। यह दिन लोगों को मानसिक शांति, संतुलन, और आंतरिक शक्ति को पहचानने के लिए प्रेरित करता है। इस अवसर पर ‘अस्पर्श योग’ जैसे अभिनव प्रयासों का शुभारंभ ध्यान और योग की प्राचीन विधाओं को आधुनिक दृष्टिकोण से जनसामान्य तक पहुंचाने का एक प्रयास है।

इस अवसर पर डॉ संदीप चौरसिया द्वारा ध्यान का अभ्यास जिसमे अथर्ववेद की प्रार्थना पश्येम शरदः शतम् ,जीवेम शरदः शतम् से आरम्भ कर श्वास-प्रश्वास पर ध्यान कराके समाप्त किया गया।

भारतीय दार्शनिक मंच: उद्देश्य और कार्य

भारतीय दार्शनिक मंच भारतीय दर्शन और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण, संवर्धन और प्रचार के लिए समर्पित एक अग्रणी संगठन है। मंच का मुख्य उद्देश्य प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करना और समाज में इसकी प्रासंगिकता को स्थापित करना है।

अस्पर्श योग और प्राकृतिक उपचार शोध प्रकोष्ठ

यह प्रकोष्ठ भारतीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में एक अभिनव पहल है। ‘अस्पर्श योग’ ध्यान और ऊर्जा आधारित उपचार प्रणाली है, जो शारीरिक संपर्क के बिना मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को संतुलित करती है।

प्राकृतिक उपचार शोध प्रकोष्ठ समाज में प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए समर्पित है।

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इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष विकास तिवारी ने कहा, “विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर यह पहल भारतीय दर्शन और योग परंपरा को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने का प्रयास है।”

डॉ. अरुण कुमार, निदेशक, कमल हेल्थ सॉल्यूशन, ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “यह संयुक्त प्रयास आधुनिक समाज में स्वास्थ्य और ध्यान के महत्व को स्थापित करने में सहायक होगा।”

इस ऐतिहासिक आयोजन ने न केवल ध्यान और योग के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि समाज के लिए एक नई दिशा भी प्रस्तुत की है। यह प्रयास भारतीय परंपराओं और आधुनिक तकनीकों के समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है।

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