दिल्ली के निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई लोग मौजूद रहे।
डॉ. सिंह को सेना की ओर से 21 गन फायर की सलामी दी। मनमोहन की अंतिम यात्रा कांग्रेस कार्यालय से होते हुए करीब 11 किलोमीटर लंबा सफर तय कर निगम बोध पहुंची। इस दौरान राहुल गांधी मनमोहन के परिवार के साथ आर्मी सेरेमोनियल ट्रक पर बैठे रहे।
केंद्र सरकार ने मनमोहन सिंह की स्मृति में स्मारक बनाने का फैसला लिया है। गृह मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। गृह मंत्रालय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉक्टर मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह आवंटित करने का अनुरोध प्राप्त मिला था।
कैबिनेट बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और मनमोहन सिंह के परिवार को स्मारक के लिए जगह आवंटित करने के बारे में बताया है।
26 दिसंबर की रात दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में मनमोहन सिंह का निधन हो गया था। वे 92 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके निधन पर देश में 7 दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।
मनमोहन को 1990 के दशक में किए गए आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाएगा, जब अर्थव्यवस्था की हालत गंभीर थी। मनमोहन ने आर्थिक उदारीकरण में अहम भूमिका निभाई और अर्थव्यवस्था को दुनिया के लिए खोला।
उन्होंने नई औद्योगिक नीति पेश की, जिसने विलय और एकीकरण की सुविधा देकर कारोबारियों के लिए आसानी की। उनके नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, सूचना का अधिकार और शिक्षा का अधिकार जैसे बड़े परिवर्तनकारी सुधार भी दर्ज हैं।
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