भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने मनाया अपना 74वाँ स्थापना दिवस

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वर्ष 1952 में संस्थान की स्थापना के बाद से गन्ना अनुसंधान के 73 गौरवशाली वर्षों की सफल यात्रा को चिह्नित करते हुए भा.कृ.अनु.प.-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (आईएसआरआई), लखनऊ ने 16 फरवरी, 2025 को अपना 74वां स्थापना दिवस बड़े उत्साह और जोश के साथ मनाया।

इस अवसर पर चन्द्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति डॉ. ए. के. सिंह मुख्य अतिथि थे, जबकि डॉ. संजय सिंह, महानिदेशक, उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (यूपीसीएआर), लखनऊ और डॉ. ए.डी. पाठक, पूर्व निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-भा.ग.अ.सं., लखनऊ विशिष्ट अतिथि रूप में उपस्थित थे।

कार्यक्रम का उद्घाटन परिषद गीत और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। डॉ. आर. विश्वनाथन, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-भा.ग.अ.सं., लखनऊ ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने आईएसआरआई की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और बताया कि संस्थान ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान 17 गन्ना किस्मों का विकास किया है, जिनमें से दो गन्ना किस्मों को इस वर्ष प्रधानमंत्री द्वारा जारी किया गया।

उन्होंने आईएसआरआई द्वारा विकसित नई मशीनरी और अत्याधुनिक तकनीकों के विकास, पेटेंट, कॉपीराइट, गन्ना और चुकंदर के लिए विभिन्न संगठनों के साथ समझौता ज्ञापन और सहयोग, आउटरीच कार्यक्रम, उत्तर प्रदेश और बिहार में प्रजनक बीज उत्पादन, आईएसआरआई में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन और संस्थान द्वारा प्राप्त पुरस्कारों के बारे में जानकारी दी।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए, डॉ. ए.के. सिंह, कुलपति, चन्द्रशेखर आज़ाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर ने आईएसआरआई को 73 वर्षों के उत्कृष्ट योगदान के लिए बधाई दी। उन्होंने उष्णकटिबंधीय भारत में गन्ने के साथ-साथ चुकंदर को बढ़ावा देने की सराहना की जो फीडस्टॉक के रूप में भारत सरकार के 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि एआई, मशीन लर्निंग और जीनोम एडिटिंग टूल्स के माध्यम से, हम जल्द ही गन्ने की उन्नत किस्मों के नए संस्करण लेकर आ सकेंगे जो भविष्य में को 0238 की जगह ले सके, वास्तव में यह 74 वर्षों का गौरवशाली क्षण होगा।

पूर्व निदेशक डॉ. ए. डी. पाठक ने स्थापना के बाद से आईएसआरआई के गौरवशाली अतीत को याद किया और आशा व्यक्त की कि वर्तमान निदेशक और कर्मचारियों के सक्षम हाथों में, संस्थान और आगे बढ़ेगा। उन्होंने छात्रों से, प्राप्त ज्ञान को हितधारकों तक ले जाने का आह्वान किया।

आईएसआरआई के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री अभिषेक श्रीवास्तव ने इस वर्ष कई नए स्टाफ सदस्यों की भर्ती के बारे में श्रोताओं को अवगत कराया। उन्होंने स्टाफ के कैशलेस इलाज के लिए कई अस्पतालों के साथ हुए अनुबंध के बारे में भी बताया।

इस अवसर पर पांच अस्पताल, मैक्स अस्पताल, चंदन अस्पताल, अवध अस्पताल, वेलसन मेडिसिटी और डीपी बोरा अस्पताल के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

प्रशासनिक और तकनीकी कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत ‘आईएसआरआई सर्वश्रेष्ठ कार्यकर्ता पुरस्कार 2024-25’ के रूप में राजा राम, सुरेंद्र प्रताप प्रजापति, राजेंद्र कुमार सिंह, डॉ. अनीता सावनानी, रश्मि संजय श्रीवास्तव, तारुक नाथ सैनी और शिखा चुनेर को “उत्कृष्टता प्रमाण पत्र” प्रदान किए गए। डॉ. श्वेता सिंह को ‘आईएसआरआई सर्वश्रेष्ठ युवा वैज्ञानिक पुरस्कार 2024-25’ से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों द्वारा संस्थान के कई प्रकाशनों का विमोचन किया गया। इनमें डॉ. राधा जैन, एम. के. श्रीवास्तव और आर. विश्वनाथन द्वारा लिखित पुस्तक “बड चिप टेक्नोलॉजी इन सुगरकेन” नामक, डॉ आर. विश्वनाथन, दिनेश सिंह (पीसी), संजय कुमार गोस्वामी, चंद्रमणि राज, श्वेता सिंह और राहुल कुमार तिवारी द्वारा लिखित मैनुअल “डिजीज स्क्रीनिंग इन सुगरकेन”, डॉ. संगीता श्रीवास्तव, डॉ. अनीता सवनानी और अभय कुमार श्रीवास्तव द्वारा लिखित पुस्तिका “आईसीएआर-आईएसआरआई- अचीवमेंट्स, चैलेंजेज एंड वे फॉरवर्ड”, डॉ. संगीता श्रीवास्तव और अभय कुमार श्रीवास्तव द्वारा संकलित और संपादित “आईएसआरआई- एट ए ग्लांस”, डॉ. संजीव कुमार, डॉ. संगीता श्रीवास्तव और अभय कुमार श्रीवास्तव द्वारा संकलित और संपादित “सुगरकेन वेरायटीज डेवलप्ड बाई आईसीएआर-आईएसआरआई” पर एक फ़ोल्डर, और डॉ. राकेश कुमार सिंह, विनय कुमार सिंह, ए. के. वर्मा, एस. के. पाण्डेय, वी. के. पाण्डेय, ए. डी. दीपक मिश्रा एवं संजीव कुमार सिंह द्वारा लिखित “पशु पालन मार्ग दर्शिका” शामिल थे।

समारोह का समापन आईएसआरआई के छात्रों और युवाओं द्वारा नृत्य, कविता और नुक्कड़ नाटक के रूप में प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ, जिसमें दर्शकों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ के बारे में जागरूक किया गया। इस अवसर पर संस्थान के कर्मचारियों एवं छात्रों सहित कई सेवानिवृत्त कर्मी भी उपस्थित थे।

सभी का उत्साहवर्धन करते हुए कर्मचारियों और छात्रों के लिए विभिन्न मनोरंजक खेलों का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. एम. के. श्रीवास्तव ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया तथा इस अवसर पर अपना बहुमूल्य समय देने के लिए उपस्थित विशिष्ट अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनीता सावनानी ने किया।

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