आकाशवाणी लखनऊ के सभागार में संविधान निर्माता डॉ.भीमराव अंबेडकर की 135 वीं जयंती मनाई गई। इस मौके पर सशक्त भारत के निर्माण के लिए डॉ.भीमराव अंबेडकर की अवधारणा और योगदान विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया।
दीप प्रज्ज्वलन और डॉ.भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण के पश्चात वक्ताओं ने अपने विचार रखें। वक्ताओं में लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षा संकाय के प्रोफेसर डॉ.मुनेश कुमार,
बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (लखनऊ) में इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ.वीएम रवि, लखनऊ विश्वविद्यालय में विधि विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.वरुण छाछर और लखनऊ विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ.रुचि सिंह शामिल रहें।
इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के प्रोफेसर डॉ.मुनेश कुमार ने कहा कि हमें अपने आप को प्रथम पहचान के तौर पर भारतीय को अपनाना होगा। डॉक्टर अंबेडकर का कहना था कि वह पहले और अंतिम तौर पर भी भारतीय हैं। हमें भाषा क्षेत्र और दूसरी पहचानों की जगह भारतीय पहचान को अपनाना होगा।
उन्होंने कहा कि डॉक्टर अंबेडकर विचारों को रोमानिया जैसे देश भी अपना रहे हैं। वहीं बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (लखनऊ) में इतिहास विभाग के प्रोफेसर डॉ.वीएम रवि ने कहा कि बाबा साहब ने ग्रामीण विकास को लेकर न्यू लाइफ मूवमेंट चलाया। इस आंदोलन में सामूहिक चारागाह के जरिए ग्रामीण सशक्तिकरण पर बल दिया गया।
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.वरुण छाछर ने डॉ.अंबेडकर को उद्धृत करते हुए कहा कि शिक्षा वह शास्त्र है जिससे समाज में क्रांति लाई जा सकती है। उन्होंने डॉ1अंबेडकर को सामाजिक सुधार के प्रणेता के तौर पर याद किया।
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लखनऊ विश्वविद्यालय में अंग्रेजी विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉक्टर रुचि सिंह ने महिला सशक्तिकरण में डॉ1अंबेडकर के योगदानों को याद किया।
आकाशवाणी लखनऊ के केंद्राध्यक्ष आरबी सिंह ने आमंत्रित वक्ताओं का स्वागत किया जबकि आकाशवाणी लखनऊ के कार्यक्रम प्रमुख डॉ.अजीत कुमार चतुर्वेदी ने उपस्थित लोगों को धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का संचालन उदघोषक सुरेंद्र राजेश्वरी ने किया। इस मौके पर आकाशवाणी लखनऊ के सभी अनुभागों के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहें।