सेना की साइबर शक्ति को मिलेगी धार, यूपीएसआईएफएस में विशेष कोर्स शुरू

0
97

लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस (यूपीएसआईएफएस), लखनऊ ने ऐतिहासिक पहल करते हुए सेना के अधिकारियों के लिए “Professional Diploma in Cyber Tech and Legal Governance” कोर्स की शुरुआत की।

यह तीन माह का विशेष डिप्लोमा कोर्स साइबर सुरक्षा और डिजिटल विधिशासन में सेना को दक्ष बनाएगा। कार्यक्रम का उद्घाटन पुलिस महानिदेशक (सतर्कता) एवं पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष श्री राजीव कृष्णा द्वारा किया गया। उनके साथ UPSIFS के निदेशक डॉ. जी. के. गोस्वामी और मेजर जनरल अनिरुद्ध साखरे भी मंच पर उपस्थित रहे।

राजीव कृष्णा ने कहा कि साइबर अपराध अब आम आदमी से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक एक गंभीर खतरा बन चुके हैं। उन्होंने बताया कि कोविड काल के बाद साइबर स्पेस में नागरिकों की सक्रियता बढ़ी है और इसी के साथ साइबर हमलों की आशंका भी।

उन्होंने पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान हुए साइबर हमलों का भी ज़िक्र किया और बताया कि किस तरह यूपी पुलिस ने इन खतरों से निपटा।

डॉ. जी. के. गोस्वामी ने बताया कि UPSIFS का उद्देश्य केवल तकनीकी दक्षता देना नहीं, बल्कि कानून की समझ के साथ उसे लागू करना भी है। उन्होंने “Law with Lab” के विचार को संस्थान की कार्यशैली का मूल बताया।

मेजर जनरल अनिरुद्ध साखरे ने कहा कि साइबर स्पेस अब युद्ध का पाँचवां आयाम बन चुका है। इस कोर्स में 40 रक्षा कर्मी भाग ले रहे हैं और यह प्रशिक्षण भारतीय रक्षा तंत्र को साइबर हमलों से निपटने में एक मजबूत आधार प्रदान करेगा।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो. अरुण मोहन सेरी (निदेशक, IIIT लखनऊ), प्रो. संजय सिंह (डॉ. राम मनोहर लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी), और आईएएस अधिकारी नेहा जैन उपस्थित रहीं।

प्रो. सेरी ने कहा कि आज के दौर में AI सबसे बड़ी तकनीकी क्रांति है और इसके अनुसार कानूनों में बदलाव करना समय की आवश्यकता है। नेहा जैन ने प्रशासनिक अधिकारियों के लिए भी साइबर फोरेंसिक पर एक साप्ताहिक कोर्स शुरू करने का सुझाव दिया।

ये भी पढ़ें : यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट आफ फॉरेंसिक साइंस लखनऊ में इंटर्नशिप का मौका

प्रो. संजय सिंह ने कहा कि तकनीकी विशेषज्ञों को विधिक समझ भी होनी चाहिए और तकनीक को विकेंद्रीकृत कर आम लोगों तक पहुंचाना ज़रूरी है।

अपर निदेशक राजीव मल्होत्रा ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और आशा जताई कि यह प्रशिक्षण अधिकारीगण न केवल अपने ज्ञान को समृद्ध करेंगे बल्कि इसे अपनी यूनिट्स में भी साझा करेंगे। कार्यक्रम के अंत में निदेशक डॉ. गोस्वामी ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here